रायपुर: यूनीपोल टेंडर घोटाला मामले में अधिकारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई है। मामले में तीन अधिकारियों को हटा दिया गया है। बता दें कि महापौर एजाज ढेबर ने अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी, नगर निवेशक बीआर अग्रवाल और आभाष मिश्रा पर घोटाले का आरोप लगाया हनै। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने ग्रेसफुल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया है। फिलहाल मामले में जांच जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार यूनीपोल टेंडर घोटाले में कार्रवाई करते हुए अपर आयुक्त, कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंता को हटा दिया गया है। वहीं, अभी भी आधा दर्जन से अधिक अधिकारी जांच के दायरे में हैं।
गौरतलब है कि रायपुर निगम के अफसरों ने एक विज्ञापन एजेंसी के प्रस्ताव और संचालक के कहने पर अपने नियम-कानून ही बदल डाले। टेंडर जारी करने के बाद शर्तों के विपरीत एजेंसी को कई तरह की सुविधाएं दीं। आमतौर पर नगर निगम खुद नियम-शर्त तय करता है। टेंडर में इन शर्तों के आधार पर ही कंपनी को काम के लिए अनुबंधित किया जाता है। अनुबंध होने के बाद शर्तों में फेरबदल करना मुश्किल होता है। यूनीपोल मामले में विज्ञापन एजेंसी ग्रेसफुल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने करीब आधा दर्जन बार प्रस्ताव दिए। अफसरों ने उनके सभी प्रस्ताव माने और उसी आधार पर काम करने की अनुमति दे दी।
डिवाइडरों में 79 मिनी यूनीपोल लगाने के लिए टेंडर जारी किया गया था। साइज, यूनीपोल की संख्या, तय सड़कें टेंडर में बताई गई थीं। साइज में किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता था। कंपनी के प्रस्ताव पर अफसरों ने यूनीपोल की साइज बदल दी। आउटर का टेंडर स्वीकृत हुआ, लेकिन कंपनी को शास्त्री चौक, जयस्तंभ चौक जैसे प्राइम लोकेशन में यूनीपोल लगाने की जगह दी गई। तीन साल का टेंडर था। इसे भी बढ़ा दिया।