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हिंदू धर्म में वापस लौटे पंद्रह से ज्यादा आदिवासी, ऐसे लालच देकर कराया गया था धर्म परिवर्तन

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जशपुर। पत्थलगांव व बगीचा क्षेत्र में अंधविश्वास और चंगाई सभा के भ्रम से धर्मांतरण करने वाले आदिवासी अब बकायदा प्रशासनिक अधिकारियों को शपथपत्र देकर हिंदू धर्म में वापस लौटने लगे हैं। जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के समक्ष बगीचा का कुरडेग गांव में फिर से हिंदू धर्म में लौटने वाले 17 लोगों का भव्य स्वागत किया। इन सभी का ग्रामीण महिलाओं ने नाच गाना के साथ पैर धोकर अपनी परम्परा मे शामिल किया।

दरअसल, अपनी विभिन्न बीमारियों का चंगाई सभा में महज प्रार्थना करके स्वस्थ्य हो जाने का दावा के बाद इन आदिवासियों लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया था, लेकिन बीमारियों से छुटकारा नहीं मिलने पर इन्होंने आदिवासियों के हितों की रक्षा करने वाला जनजातीय सुरक्षा मंच ने इन पीड़ितों का काम अस्पताल में इलाज कराया था, जिससे वे अपनी जटिल बीमारी की समस्या से दूर हो गए। इसी बात से प्रभावित होकर धर्म परिवर्तन कर लेने वाले लोगों ने घर वापसी की।

जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रमुख रामप्रकाश पांडेय का कहना था कि आदिवासी वर्ग के लोग अब अपने हितों को भलिभांति समझने लगे हैं. इससे आदिवासियों की प्राचीन संस्कृति को लुप्त होने से बचाया जा सकेगा। इधर गणेश राम भगत का कहना था कि अब लोग अंधविश्वास से स्वत: निकल कर फिर से हिंदू धर्म में लौट रहे हैं।