बलरामपुर : जिले के करौंधा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत जवाहरनगर में 1 जुलाई को दो आरोपियों ने एक बेवा महिला के साथ बैठकर पहले शराब पी फिर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। जब आरोपियों ने दोबारा उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की तो महिला के मना करने पर आरोपियों ने कुल्हाड़ी से काटकर उसकी हत्या कर दी। फिलहाल मामले में पुलिस की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
हत्या के 3 दिन बाद पुलिस की टीम को इस मामले का पता चला था और स्थानीय लोग भी 3 दिन बाद ही जान पाए थे। दरअसल आरोपियों ने महिला बिलासी बाई की हत्या करने के बाद उसकी लाश को घर के अंदर ही छोड़ दिया था और बाहर से सिटकिनी लगा दी थी। 2 दिनों तक जब महिला बिलासी का गांव में पता नहीं चला तो पड़ोसियों ने सीटकिनी खोलकर देखा तो अंदर उसकी लाश पड़ी थी जिसके बाद तत्काल ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पुलिस की टीम जब पहुंची तो देखा कि लाश पूरी तरह से सड़ चुकी थी, उसमें कीड़े लग चुके थे। वहां एक कुल्हाड़ी भी पड़ी हुई थी और प्रथम दृष्टया ही मामला हत्या का प्रतीत होने लगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की टीम ने पहले डेड बॉडी को पीएम के लिए भेजा और लगातार दो दिनों तक गांव में कैंप लगाकर ग्रामीणों से पूछताछ शुरू की। संदेह के आधार पर पुलिस की टीम ने गांव के ही द्वारिका प्रसाद और मंगल साय को हिरासत में लेकर जब पूछताछ शुरू की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। दोनों आरोपियों ने बताया कि वह महिला के रिश्तेदार ही हैं और लगातार महिला के यहां उनका आना-जाना रहता था। घटना की रात भी वे दोनों महिला के घर में ही बैठ कर उसके साथ शराब का सेवन किया था और बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया था।
आरोपियों ने बताया कि जब उन्हें महिला के साथ दोबारा संबंध बनाने का मन हुआ तो महिला ने मना कर दिया और कहने लगी कि वह गांव में सबको बता देगी। इसी बात से डर कर उन्होंने पहले महिला के सिर पर पहले कल्चुल से वार किया फिर पास में पड़ी कुल्हाड़ी से उसकी गर्दन काट दी। महिला घर में अकेली रहती थी इसलिए उसकी लाश को उन्होंने अंदर ही छोड़ दिया और बाहर से सिटकिनी लगा दी। मामले में पुलिस की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए कार्रवाई शुरू कर दिया है। मृतिका महिला की उम्र लगभग 45 साल थी और दोनों आरोपियों की उम्र 22 साल से भी कम है, लेकिन शराब और जिस्म की लत ने दोनों को अंधा बना दिया था और इसी अंधेपन में उन्होंने एक खौफनाक जुर्म की इबारत लिख दी।