रायपुर : स्वास्थ्य कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने को लेकर डिप्टी सीएम टीएस सिहंदेव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, मैं बाहर था मुझे इसकी जानकारी नहीं है। जनहित में बड़े फैसले लेने पड़ते हैं। एस्मा लगा हुआ है तो उसके अंतर्गत कार्रवाई करनी ही पड़ेगी।
बता दें कि, शासन की तरफ से प्रदर्शन-हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य विभाग के संविदा नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी को काम पर लौटने का आदेश जारी करते हुए उनपर एस्मा लागू कर दिया है। इस कदम से प्रदर्शनकारी कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस प्रदेशभर में हड़ताली संविदा कर्मियों में सबसे ज्यादा संख्या स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का ही है।
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिये लगाया जाता है। विदित हो कि एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य दूसरे माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा अधिकतम छह महीने के लिये लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दण्डनीय है।
दरअसल सरकारें एस्मा लगाने का फैसला इसलिये करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका होती है। जबकि आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून यानी एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है। इसके तहत जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा हड़तालियों को छह माह तक की कैद या ढाई सौ रु। दंड अथवा दोनों हो सकते हैं।