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आबादी वाले गांव में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं, ढोडी का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण, कुंभकरण की नींद में सो रहे जिला प्रशासन

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सूरजपुर: किसी भी इंसान के लिए सबसे बड़ी मूलभूत जरूरत पीने का पानी है, जिला प्रशासन के द्वारा पीने के पानी के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, बावजूद इसके आज भी सूरजपुर जिले का कई इलाका ऐसा है जहां आज भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं, लोग बीमार पड़ रहे हैं कई लोगों की जाने जा रही है। बावजूद इसके जिला प्रशासन कुंभकरण की नींद में सो रहा है।

सूरजपुर जिले का जमड़ी पारा गांव की आबादी लगभग 300 है, लेकिन आज भी इस गांव के लोग ढोडी का पानी पीने को मजबूर है, चाहे मौसम कोई भी हो इनके लिए पानी की समस्या जस की तस रहती है। जिस पानी को जानवर भी पीने से परहेज करें ऐसे पानी पीने के लिए इस गांव के तमाम ग्रामीण मजबूर है।  दूषित पानी पीने की वजह से बीमार पड़ना यहां आम लोगों के लिए रोज की बात है वहीं बीमारियों की वजह से कई ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है।

यह स्थिति सिर्फ जमड़ी पारा गांव का ही नहीं बल्कि जिले के तमाम ऐसे गांव हैं जहां पूरे साल ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या से रूबरू होना पड़ता है, जिसको लेकर लगातार ग्रामीणों के द्वारा शिकायत भी की गई है। बावजूद इसके पीएचई विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा अभी तक कोई भी पहल नहीं की गई है। दखल के बाद अब जिला प्रशासन की नींद खुली है और अब वे ऐसे तमाम गांव में पीएचई की टीम भेजकर पीने का पानी की व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा कर रहे हैं।

जानकार कहते हैं किसी भी इंसान के शरीर में 70 परसेंट पानी की मात्रा होती है, ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस व्यक्ति के शरीर में लगातार दूषित पानी जा रहा है उसे कितनी घातक बीमारियां हो सकती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इन ग्रामीणों के जान के साथ खिलवाड़ करने वाले सिस्टम पर कार्रवाई होगी ??