मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पकरिया गांव से शुरू की गई जल क्रांति और बिचारपुर की फुटबाल क्रांति की चर्चा किया। रविवार को मन की बात में प्रधानमंत्री ने शहडोल के बिचारपुर को मध्य प्रदेश का मिनी ब्राजील कहा। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आपको याद होगा, कुछ समय पहले, मैं, एमपी के शहडोल गया था। वहां मेरी मुलाकात पकरिया गांव के आदिवासी भाई-बहनों से हुई थी। वहीं पर मेरी उनसे प्रकृति और पानी को बचाने के लिए भी चर्चा हुई थी।
बिचारपुर गांव के मिनी ब्राजील बनने की यात्रा दो-ढाई दशक पहले शुरू हुई थी। उस दौरान, बिचारपुर गांव अवैध शराब के लिए बदनाम था, नशे की गिरफ्त में था। इस माहौल का सबसे बड़ा नुकसान यहां के युवाओं को हो रहा था। एक पूर्व नेशनल प्लेयर और कोच रईस एहमद ने इन युवाओं की प्रतिभा को पहचाना। रईस जी के पास संसाधन ज्यादा नहीं थे, लेकिन उन्होंने, पूरी लगन से, युवाओं को, फुटबाल सिखाना शुरू किया। कुछ साल के भीतर ही यहां फुलबाल इतनी पापुलर हो गयी, कि बिचारपुर गांव की पहचान ही फुटबाल से होने लगी। अब यहां फुटबाल क्रांति नाम से एक प्रोग्राम भी चल रहा है। इस प्रोग्राम के तहत युवाओं को इस खेल से जोड़ा जाता है और उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। ये प्रोग्राम इतना सफ़ल हुआ है कि बिचारपुर से नेशनल और स्टेट लेवल के 40 से ज्यादा खिलाड़ी निकले हैं।
ये फुटबाल क्रांति अब धीरे- धीरे पूरे क्षेत्र में फैल रही है। शहडोल और उसके आसपास के काफ़ी बड़े इलाके में 1200 से ज्यादा फुटबाल क्लब बन चुके हैं। यहां से बड़ी संख्या में ऐसे खिलाड़ी निकल रहे है, जो, नेशनल लेवल पर खेल रहे हैं। फुटबाल के कई बड़े पूर्व खिलाड़ी और कोच , आज, यहां युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं। आप सोचिए एक आदिवासी इलाका जो अवैध शराब के लिए जाना जाता था, नशे के लिए बदनाम था, वो अब देश की फुटबाल नर्सरी बन गया है। इसीलिए तो कहते हैं – जहां चाह, वहां राह। हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ज़रूरत है तो उन्हें तलाशने की और तराशने की। इसके बाद यही युवा देश का नाम रौशन भी करते हैं और देश के विकास को दिशा भी देते हैं।