पेंड्रा: मरवाही के पूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी का विवादित बयान सामने आया है जहां उन्होंने मेढुका गांव में आयोजित मणिपुर आक्रोश रैली और विश्व आदिवासी दिवस समारोह के आयोजन पर मंच से अपने भाषण में कहा कि सामान्य जाति के लोग आदिवासी लड़कियों को बहका कर रखैल बना लेते हैं, आदिवासियों से शादी कर लेते हैं और उनको सरपंच बनाते हैं, यह अच्छी बात नहीं। पहलवान सिंह मरावी ने आगे कहा कि हमारे यहां से 12 लड़कियां ऐसे ही सरपंच बनी है।
मरवाही के पूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी का विवादित बयान सामने आया है जहां उन्होंने मेढुका गांव में आयोजित मणिपुर आक्रोश रैली और विश्व आदिवासी दिवस समारोह के आयोजन पर मंच से अपने भाषण में कहा कि सामान्य जाति के लोग आदिवासी लड़कियों को बहका कर रखैल बना लेते हैं, आदिवासियों से शादी कर लेते हैं और उनको सरपंच बनाते हैं, यह अच्छी बात नहीं। पहलवान सिंह मरावी ने आगे कहा कि हमारे यहां से 12 लड़कियां ऐसे ही सरपंच बनी है।
वहीं उन्होंने गौरेला के भदौरा गांव का उदाहरण दिया जबकि 12 गावों का नाम उन्होंने नहीं बतलाया। मरावी ने कहा कि सामान्य लोग हमारी बहन बेटियों को रख लेते हैं मैं समाज से अपील करता हूं कि अपने बच्चों को संभाल कर रखें। वहीं जिस दौरान पहलवान सिंह मरावी मंच से यह बात कह रहे थे उस समय मरवाही के विधायक डॉक्टर के के ध्रुव सहित समाज के तमाम बड़े नेता और पदाधिकारी मंच और आसपास मौजूद थे वही पहलवान सिंह मरावी के समर्थन में समाज के दूसरे जनप्रतिनिधि भी सहमति दे रहे हैं।
जिला पंचायत सदस्य शुभम पेंद्रो ने भी आदिवासियों को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि कोई लड़की यदि दूसरी जाति से शादी कर लेती है तो उसको आदिवासी होने का लाभ न मिले। ऐसी लड़कियों को चुनाव का समर्थन न दें और दूसरे समाज में शादी करने वालों के सामाजिक बहिष्कार जरूरी को भी शुभम पेंद्रो ने भी जरूरी बतलाया है।