हिंदू धर्म के अनुसार खाना हमेशा हाथ से खाने की सलाह दी जाती है. ऐसा माना जाता है कि हाथों से खाया गया खाना सभी ऊर्जाओं क्षिति, जल,पावक, गगन ,समीर सभी का हाथों से प्रवाह शरीर के भीतर होता है. ऐसा माना जाता है कि हाथों से खाया गया खाना जल्दी पचता है और शरीर को स्वस्थ बनाता है. सनातन धर्म में खाना हमेशा दाहिने हाथ से खाने की सलाह दी जाती है. बाएं हाथ से भोजन करना अशुभ माना जाता है. ऐसा क्यों है आइए जानते हैं.
खाने के लिए क्यों करें दाहिने हाथ का प्रयोग
शास्त्रों के अनुसार हमारा दाहिना हाथ सूर्य नाड़ी का कार्य करता है, वहीं बायां हाथ चंद्र नाड़ी का. सूर्य नाड़ी का इस्तेमाल ऐसे कार्यों में किया जाता है, जिसमें ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है. वही चंद्र नाड़ी का इस्तेमाल ऐसे कार्य में किया जाता है, जिसमें कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है. भोजन हाथों से खाने से सभी ऊर्जाएं आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी हाथों के प्रभाव से शरीर के भीतर प्रवेश करके सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती.
शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है
शास्त्रों के अनुसार शुभ कार्य हमेशा दाहिने हाथ से करना चाहिए ,जिससे उसमें सफलता मिलती है. शास्त्रों में भोजन करने को भी शुभ कार्य माना गया है. इसी वजह से दाहिने हाथ से खाना खाने की सलाह दी जाती है, ताकि शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का वास हो
बाएं हाथ से खाना खाने को अशुभ माना जाता है
दाएं हाथ से खाना खाने का एक कारण यह भी है कि ज्यादातर लोग शौच आदि के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं. यही कारण है कि शास्त्रों में बाएं हाथ से खाना खाने को अशुभ माना जाता है और दाहिने हाथ से खाना खाने की सलाह दी जाती है.