केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है. साथ ही समिति के सदस्यों के नामों का भी ऐलान कर दिया है. पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है.
इस दिशा में एक और कदम
दरअसल, केंद्र सरकार ने ‘एक देश एक चुनाव’ की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा दिया है. इसी कड़ी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई समिति कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा भी कर दी है. इसमें कुल 8 लोग शामिल होंगे. फिलहाल एक देश एक चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. अब केंद्र सरकार ने इसको लेकर तैयारी तेज कर दी है.
बिल के पक्ष और विपक्ष में तर्क
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बात सही है कि अगर ‘एक देश-एक चुनाव’ की प्रक्रिया होती है तो देश का काफी पैसा बचेगा लेकिन यह भी बात मानी जा रही है कि इससे संवैधानिक समन्वय की दिक्क्तें पैदा हो जाएंगी. इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि इससे कितना पैसा बचाया जा सकता है.
संसद का विशेष सत्र भी
इन सबके बीच केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र भी बुला लिया है. यह सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा कर सत्र में लगातार पांच बैठकें होंगी. इसी बीच इस सत्र को लेकर सुगबुगाहटों का दौर शुरू हो गया है. कहा जा रहा कि इस दौरान सरकार ‘एक देश-एक चुनाव’ बिल ला सकती है, अगर ऐसा होता है तो यह बड़ा कदम होगा.