रायपुर : मौसम बदलने के साथ बीमारियों का पैटर्न भी बदल गया है। छत्तीसगढ़ कोरोना, डेंगू और आई फ्लू के बाद अब मौसमी बीमारियों की चपेट में आ गया है। वायरल फीवर मौसम बदलने के कारण तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों की माने तो चिकनगुनिया जैसा यह वायरस सक्रिय नजर आ रहा है। वायरल, बदन दर्द के साथ सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसका असर दवा बाजार पर भी पड़ा है
पिछले तीन महीने में प्रदेश का दवा बाजार 12 फीसदी बढ़ा है। हर रोज 10 करोड़ रुपए की एंटीबायोटिक दवाइयां बिक रहीं हैं। वहीं 5 करोड़ रुपए की पैरासिटामोल की बिक्री हर दिन हो रही है। पूरे राज्य में लगभग 300 करोड़ से ज्यादा का दवाइयों का कारोबार हो रहा है। इस अवधि में देश में कुल कारोबार 2.2 लाख करोड़ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में वायरल, बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामले बढ़ जाते हैं। इनमें 80 फीसदी मरीज सामान्य दर्द निवारक और फीवर संबंधी दवाओं से ठीक हो जाते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, अन्य मौसम की तुलना में इस सीजन में मौसमी बीमारियां ज्यादा होती हैं। जनरल ओपीडी भी 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। सितंबर अक्टूबर में यही स्थित रहने की उम्मीद है।
कुछ समय पहले आईफ्लू की वजह से लोगों की आंखें लाल रही इसका प्रकोप कम हुआ तो वायरल फीवर और डेंगू के साथ मलेरिया ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। डॉक्टर्स की माने तो दोनों बीमारियों के लक्षण मिलते-जुलते है। इनका इलाज भी लगभग एक ही प्रकार की दवाओं से होता है। मरीज को ठीक करने के लिए एंटी एलर्जिक और एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत पड़ रही है।
मौसमी बीमारियों ने मेडिकल के थोक बाजार में गजब का उछाल ला दिया है। लोगों के बीमार होने का सीधा असर दवा बाजार पर हुआ है और दोनों तरह की दवाओं की डिमांड 60 फीसदी तक बढ़ गई है। सामान्य दिनों में एंटीबायोटिक दवा की खपत लगभग 5 करोड़ का होती है जो अभी 10 करोड़ तक जा पहुंची है, इसी तरह बुखार उतारने वाली दवा पैरासिटामोल की डिमांड बढ़कर 4 से 5 करोड़ रुपए हो चुकी है।
डॉक्टर के अनुसार बारिश के मौमस में लोगों को सजग रहना चाहिए। इस मौसम में कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग जल्दी बीमारी की जकड़ में आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी लाइफ स्टाइल से जुड़ी है, इसलिए इस पर मौसम का असर ज्यादा नहीं होता।