हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार पर बिफर पड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप 70 जजों के नाम पर कोई अंतिम फैसला नहीं करते तो हम सख्त कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे. अदालत ने कहा कि पिछले 10 महीनों से इन नामों पर केंद्र सरकार ने फैसला नहीं लिया है.
जब सुप्रीम कोर्ट ने दागा सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कॉलेजियम द्वारा सुझाए 9 नामों पर सवाल पूछने के साथ ही सात दूसरे नामों पर भी सवाल दागा. जो जजों की पीठ जिसमें सुधांशु धुलिया भी शामिल हैं उन्होंने अटॉर्नी जनरल से सवाल किया कि पिछले सात महीनों में तो कुछ नहीं हुआ. बता दें कि सात महीने पहले इस विषय पर सुनवाई हुई थी.
केंद्र सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी
जजों की नियुक्ति के संबंध में जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि उनके पास कहने के लिए तो बहुत कुछ है लेकिन वो अपने आपको रोक रहे हैं. वो इस विषय पर इसलिए चुप हैं क्योंकि अटॉर्नी जनरल ने जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय मांगा है लेकिन अगली बार वो चुप नहीं रहेंगे. अदालत ने कहा कि इस विषय पर वो हर 10 दिन बाद पूछताछ करेंगे जब तक अंतिम रूप से मामले का निस्तारण नहीं हो जाता. अब इस मामले में 9 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
बता दें कि हाल ही में दिवंगत वकील राम जेठमलानी व्याख्यान कार्यक्रम में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया था कि जजों की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम कुछ नामों पर नहीं बल्कि 50 से अधिक नामों पर विचार करती है. यही नहीं कॉलेजियम उन नामों पर भी विचार करती है जो योग्य हों भले ही उनके पास तय मानकों के हिसाब से अनुभव ना हो. कॉलेजियम अपना काम पारदर्शी तरह से करती है. हमारी मंशा पर सवाल उठाना सही नहीं होगा.