अक्सर जब भी किसी की अचानक मौत होती है तो मौत का कारण हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट बताया जाता है. वैसे अधिकतर लोग दोनों को एक ही चीज मानते हैं या दोनों को लेकर फैली हुई गलत जानकारी पर भरोसा करते हैं. हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के बीच अंतर डॉक्टर्स को पता होता है, लेकिन हर किसी को दोनों में अंतर पता होना जरूरी है ताकि इमरजेंसी में सही वक्त पर इलाज मिल सके. ऐसे में आज जानते हैं कि आखिर हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर होता है और दोनों में से ज्यादा खतरनाक किसे माना जाता है?
क्या होता है हार्ट अटैक?
दरअसल, जब हार्ट अटैक होता है, उस वक्त हार्ट की मांसपेशियों के एक हिस्से में खून का प्रवाह बाधित हो जाता है और ये कोरोनरी धमनियों में कोई ब्लॉकेज होने की वजह से होती है. आपको बता दें कि हार्ट को खून की आपूर्ति दो मुख्य कोरोनरी धमनियों से होती है. दो धमनी लेफ्ट और राइट साइड में होती है. इन आर्टरी में ही जब कोई रुकावट होती है तो हार्ट अटैक आता है.
क्या होता है कार्डिएक अरेस्ट?
वहीं, अगर कार्डिएक अरेस्ट की बात करें तो जब हार्ट में पंपिंग का प्रोसेस बंद हो जाता है और इससे हार्ट सही काम नहीं कर पाता. इस वजह से कार्डिएक अरेस्ट होता है और इसके पीछे कई तरह की वजह है. इसे इसलिए ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि ये स्थिति अचानक होता है और इलाज में वक्त नहीं मिल पाता है.
कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक को लेकर डॉक्टर सीनियर कंसलटेंट कार्डियोवस्कुलर निरंजन हीरेमथ का कहना है, ‘यह समझना जरूरी है कि हार्ट अटैक कुछ ब्लॉकेज की वजह से ब्लड सर्कुलेशन के रुकने से जुड़ा है और कार्डियक अरेस्ट हार्ट की फंक्शन बंद होने से संबंधित है. इसका मतलब है कि हार्ट अटैक, कार्डिएक अरेस्ट की वजह बन सकता है लेकिन कार्डिएक अरेट से हार्ट अटैक नहीं हो सकता. हार्ट अटैक के कारणों को समझें तो इसमें स्मोटिंग, ज्यादा कॉलेस्ट्रॉल लेवल, डायबिटीज या दिल की बीमारी का आनुवांशिक होना आदि हो सकता है. वहीं, कार्डिएक अरेस्ट ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी की वजह से हो सकता है. इसके साथ ही छाती पर लगने वाली चोट भी इसका कारण हो सकता है.’
क्या होते हैं लक्षण?
डॉक्टर का कहना है कि दोनों के लक्षण भी काफी अलग अलग होते हैं. जब हार्ट अटैक आता है तो पहले सीने में तेज दर्द होता है, जो पीठ, बाएं हाथ, कंधे या जबड़े तक होता है. इसके साथ ही काफी तेज पसीना आता है, चक्कर आते हैं और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में अचानक दर्द होता है और व्यक्ति तुरंत बेहोश हो जाता है और चक्कर आदि की भी दिक्कत हो सकती है, लेकिन बहुत कम केस में ही इसकी पहले चेतावनी मिल पाती है.
अगर इनके इलाज और इनसे बचने के बारे में बात करें तो हार्ट अटैक के मामले में सही समय पर इलाज से 95 फीसदी तक लोग बच जाते हैं, लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में कहानी अलग है. कार्डिएक अरेस्ट में लोगों के बचने की उम्मीद 10 से 15 फीसदी तक ही होती है. ऐसे में आप भी हार्ट अटैक के बारे में जागरुक रहें और कोई भी दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें औक साथ ही अपनी लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखें.