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विधानसभा चुनाव में वोटर्स को कैश-शराब देनों वालों की खैर नहीं, आयोग ने कर दिया ये तगड़ा इंतजाम

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निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए नकदी, मादक पदार्थ और मुफ्त सामान की जब्ती का रिकॉर्ड रखने के लिए एक प्रौद्योगिकी आधारित तंत्र पेश किया है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों में पहली बार इस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि ‘चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली’ विभिन्न राज्य और केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा क्षेत्र से बरामदगी पर वास्तविक समय के अद्यतन जानकारी के लिए एक नयी प्रौद्योगिकी-संचालित मंच है. उन्होंने कहा, ‘‘यह बरामदगी के गुणात्मक विश्लेषण और योजना की सुविधा प्रदान करता है … हमने विभिन्न एजेंसियों से कहा है कि वे तालमेल के साथ काम करें, न कि अलग-अलग तरीके से.’’

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि एजेंसियों को इस मंच पर बरामदगी को अद्यतन करने का निर्देश दिया गया है. इसमें यह भी प्रदर्शित होगा कि की गई कार्रवाई को प्रणाली में अद्यतन किया गया है या नहीं. धनबल, नशीले पदार्थों और मुफ्त की सुविधाएं या सामान मुहैया कराए जाने को चुनावों में समान अवसर को बाधित करने के साधनों के रूप में पहचाना गया है.

कुमार ने कहा कि अवैध नकदी, मादक पदार्थों और साड़ी, शराब और ऐसी अन्य चीजों के प्रवाह को रोकने के लिए पांच राज्यों में विभिन्न एजेंसियों के कुल 940 जांच चौकी स्थापित की गयी हैं. निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव सात नवंबर से शुरू होकर अलग-अलग दिनों में होंगे और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी.