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रिजर्व फॉरेस्ट वन भूमि पर अवैध रूप से सड़क निर्माण पर गुरू मिनरल्स पर कार्यवाही

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सक्ती   : सक्ती जिले के बस्ती बाराव्दार क्रेशर संचालक गुरु मिनरल्स द्वारा के ग्राम पंचायत छितापड़रिया के रिजर्व फॉरेस्ट वन भूमि पर अवैध रूप से हरे भरे पेड़ों की कटाई कर रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में गिट्टी खनन करने के लिए सड़क का निर्माण वन विभाग के बिना अनुमति के बिना सड़क का निर्माण कर अवैध उत्खनन कार्य किया जा रहा था वन विभाग को इसकी जानकारी रहने के बाद भी कार्यवाही नहीं की जा रही थी क्रेशर संचालक के द्वारा वन विभाग के साथ गांठ कर रिजर्व फॉरेस्ट वन परिक्षेत्र में लगे लाखों रुपए के कीमती वृक्षों की कटाई कर सड़क निर्माण कराया गया था जिसकी शिकायत अनेकों बार की जा चुकी थी परंतु अधिकारी इस पर लगातार अपना पल्ला झाड़ते रहते थे कुछ दिन पूर्व ही दीपक राय के द्वारा वन मंडल अधिकारी चांपा को लिखित आवेदन दिया था जिस पर वन मंडल अधिकारी के निर्देश पर उड़नदस्ता टीम ने ग्राम छितापड़रिया और वन भूमि पर बने सड़क निर्माण के संबंध में क्रेशर संचालक से दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा गया मौके पर उपस्थित क्रशर संचालक के व्यक्तियों द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने पर सड़क की खुदाई करवा कर मार्ग को अवरूद्ध कर बंद किया गया।

आपको बता दें संचालक गुरुश्री मिनरल्स द्वारा जनपद पंचायत के छितापड़रिया के रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र वन भूमि पर अवैध रूप से पेड़ों की कटाई कर सड़क निर्माण कर सड़क निर्माण कर गुरु मिनरल्स द्वारा बेखौफ होकर खुलेआम डोलोमाइट का परिवहन किया जा रहा था। इसकी शिकायत बाराद्वार निवासी दीपक राय द्वारा वन मंडल चांपा बिलासपुर में की गई थी। शिकायत के बाद वन विभाग की टीम ने पंचनामा बनाकर कर वन भूमि पर बनी सड़क को दोनों ओर से जेसीबी से खुदाई कर बंद किया गया है। इस दौरान पंचायत के जनप्रतिनिधि सहित अधिकारी कर्मचारी ग्राम वासियों की उपस्थित में रास्ता को बंद कर जांच कार्यवाही कर जांच प्रतिवेदन सख्त निर्देश देते हुए कहा गया कि गुरुश्री मिनरल्स द्वारा रास्ता का उपयोग किया जाता है तो रिजर्व फॉरेस्ट अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही कि जाएगी।

उड़न दस्ता वन विभाग की टीम के व्दारा छितापड़रिया के वन भूमि पर गुरुश्री मिनरल्स द्वारा बनाई गई सड़क के संबंध गुरुश्री मिनरल्स के कर्मचारी से सड़क निर्माण खनन के संबंध में दस्तावेज मांग किए जाने पर किसी भी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया।

वन विभाग के संरक्षण में छीता पड़रिया रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में विगत 5 वर्षों से सड़क निर्माण कर अवैध परिवहन खनन का कार्य चल रहा था परंतु इसकी भनक वन विभाग को कैसे नहीं लगी यह समझसे परे हैं कहीं ऐसा तो नहीं की वन विभाग के अधिकारी के मौन स्वीकृति एवं सांठ गांठ से रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में यह सारा अवैध कारोबार किया जा रहा था जबकि रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के आने-जाने की मनाही रहती है परंतु इस प्रकार से अवैध परिवहन सड़क निर्माण कर लगातार सैकड़ो व्यक्ति एवं वाहनों की आवाज आई लगातार हो रही थी जिससे क्षेत्र के जंगल को भारी नुकसान गुरु मिनरल्स के द्वारा किया जा रहा था।