रायपुर: कांग्रेस के महासचिव और मीडिया के माने तो पार्टी के अंदर नेता प्रतिपक्ष के लिए चर्चा चल रही है, उनके पूर्व क्षेत्र के अध्यक्ष और शक्ति के नेता डॉ. चरणदास महंत, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और खरसिया के विधायक अविनाश पटेल और दलेश्वर साहू और भोलाराम साहू का नाम शामिल है। इसी तरह अगर पहली प्रतिद्वंद्वी की कमांड महिला को हटा दिया गया तो अनिला भेड़िया को भी पसंद किया जाएगा। कांग्रेस के 35 नाम 14 बार के सदनों में हैं। ऐसे में इसका विकल्प नहीं है। खुद के पूर्व मुख्यमंत्री और पैटन के विधायक प्रतिपक्ष इसका दावा करते हैं, इसकी संभावना कम है। यदि बड़े नेता इस पद पर कोई भी विज्ञापन नहीं दिखाते हैं तो यह संभव है कि कोई भी नया नेता पद पर बने रहे।
कांग्रेस को झटका इस बात से भी लगा कि उनकी प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज चुनाव हार गए हैं। इसी तरह पहले इस जिम्मेदारी को निभाने वाले मोहन मरकाम भी कोंडागांव से अपनी सीट नहीं बचा पाए। ऐसे में अब सवाल है कि कौन सी पार्टी कांग्रेस की कमान संभालेगी? पार्टी सिर्फ नए राष्ट्रपति के चुनाव को चुनौती देती है लेकिन बीजेपी की तरह जातिगत अनुपात को भी साधने का दबाव होगा। इस बार प्रदेश के कमांडिंग जेसबीवादी नेता ने ऐसे संकेत दिए हैं कि अब कांग्रेस के पास भी मौका होगा कि एक बार फिर से जेबासी चेहरे सामने आएं और उन्हें नई पार्टी को संवारने की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
बुधवार को विधायक दल की बैठक हुई
एक तरफ जहां कल नये मुख्यमंत्री शपथ ले रहे होंगे तो दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक दल की बैठक भी चल रही होगी। कांग्रेस के जीते विधायक कल राजीव भवन में शामिल होंगे। इस बैठक में हार की समीक्षा तो होगी ही साथ ही अगले नेताओं के विपक्ष पर भी
चर्चा संभव है।