रायगढ़ : आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रायगढ़ जिले में तैयारियां शुरु हो गई है। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों में बैठकें शुरु हो गई है। साथ ही टिकट को लेकर दावेदारी का दौर भी शुरु हो गया है। खास बात ये है कि इस सीट से भाजपा से जहां वर्तमान सांसद व पत्थलगांव विधायक गोमती साय के फिर से चुनाव लडने की चर्चा है तो वहीं कांग्रेस से भी दावेदारों की कमी नहीं है। हालांकि राजनैतिक संगठनों का कहना है कि संगठन के निर्देश पर आने वाले दिनों में दावेदारों के नाम पैनल बनाकर भेजे जाएंगे। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस सीट को जीतने का दावा भी कर रही है।
क्या गोमती साय फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना रही
दरअसल, लोकसभा चुनाव की तारीख अभी भले ही तय नहीं हुई हो लेकिन रायगढ़ लोकसभा सीट में सियासी पारा गरमाने लगा है। टिकट को लेकर जहां दावेदार सक्रिय हो गए हैं तो वहीं पार्टियों में भी बैठकें शुरु हो गई है। बात करें भाजपा की तो इस बार भाजपा से टिकट को लेकर संशय की स्थिति है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट से वर्तमान में सांसद रही गोमती साय ने सांसद पद से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव लड़ा था और वे पत्थलगांव से विधायक भी बन चुकी है। ऐसे में इस सीट पर नए चेहरे की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन सियासी गलियारे में ये चर्चा है कि प्रदेश में भाजपा का पर्याप्त बहुमत होने और कैबिनेट में जगह नहीं मिलने के बाद गोमती साय फिर से रायगढ़ लोकसभा लड़ने का मन बना सकती है।
वहीं संगठन अभी इस बात पर खुलकर कुछ कहने से कतरा रहा है लेकिन गोमती साय के चुनावी मैदान में उतरने की पूरी संभावना है। इसके अलावा पूर्व संसदीय सचिव सुनीति राठिया और पूर्व महिला भाजपा अध्यक्ष सुषमा खलको भी इस सीट से टिकट मांग रही है। हालांकि भाजपा का कहना है कि टिकट वितरण प्रदेश नेतृत्व का काम है लेकिन इस सीट पर जीत तय है। भाजपा ने अभी से इस सीट पर चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है। इधऱ कांग्रेस में भी दावेदारी का दौर शुरु हो गया है।
रायगढ़ लोकसभा सीट से सारंगढ के गिरिविलास पैलेस से मेनका सिंह दावेदारी कर रही है तो वहीं रायगढ़ राजपरिवार से जयमाला सिंह भी टिकट की दावेदार है। वहीं गोंड समाज के जिलाध्यक्ष दयाराम धुर्वे भी इस सीट से टिकट मांग रहे हैं। हालांकि कांग्रेस संगठन का कहना है कि टिकट को लेकर दावेदारों की स्वाभाविक दावेदारी है और इस पर आने वाले समय में प्रदेश संगठन निर्णय लेगा। कांग्रेस का कहना है कि पिछले पांच सालों के कार्यकाल में सांसद गोमती साय की कोई उपलब्धि नहीं रही है। ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर जीत को लेकर उत्साहित है। संगठन स्तर पर बैठकें शुरु हो गई है। कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार है।