रायपुर: इन दिनों प्रदेश में धर्मांतरण का मुद्दा छाया हुआ हैं। भाजपा और कांग्रेस इस मामले को लेकर आमने-सामने हैं। पक्ष और विपक्ष एक-दुसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। दोनों ही दलों का दावा हैं कि उनकी सरकारों में इसे रोकने सख्त कदम उठाएं हैं। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के शासन काल में आदिवासी क्षेत्रों में चर्चों का निर्माण हुआ तो वही सत्ताधारी भाजपा सीधे तौर पर कांग्रेस को धर्मांतरण के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
वही अब इस पूरे मामले पर नया अपडेट सामने आया हैं। छत्तीसगढ़ की साय सरकार धर्मांतरण के खिलाफ कानून लेन पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। इस बारें में डिप्टी सीएम अरुण साव ने मीडिया में बयान दिया हैं।
उन्होंने संकेत दिया हैं कि उनकी सरकार प्रदेश भर में धर्मांतरण को रोकने कानून ला सकती हैं। उन्होंने दावा किया कि धर्मांतरण रोकने के लिए भाजपा की सरकार हर वह उपाय करेगी जो धर्मांतरण को रोक सके। साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की डेमोग्राफी ना बदले, संस्कृति सभ्यता है उसे पर किसी तरह का विपरीत प्रभाव न पड़े यह भी उनकी सरकार की कोशिश होगी। उनकी सरकार इस नाते भी धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार हर उपाय करेगी।