नई दिल्ली: आधुनिकता के इस दोर में तलाक और घरेलू हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश ही नहीं दुनियाभर में रोजाना ऐसे मामलों के करोड़ों केस दर्ज होने लगे हैं। वहीं, जब तलाक लेने के नाम पर पति-पत्नी दोनों ही ओर से अजीबोगरीब दावा किया जाता है। ऐसा ही एक मामला इन दिनों सामने आया है, जहां तलाक देने के लिए पती ने अपनी पत्नी की किडनी मांग ली है। पति की इस डिमांड पर पत्नी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट ने पूरे मामले को सुलझा दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार डॉ रिचर्ड बतिस्ता और डॉनेल की शादी साल 1990 में हुई थी। शादी के कुद सालों तक दोनों के बीच सब कुछ ठीक था। दोनों एक दूसरे पर जान छिड़कते थे। इसी बीच साल 2001 में डॉनेल की तबीयत खराब हो गई। डॉक्टरों ने डॉनेल की दोनों किडनी खराब होने की बात कही, जिसके बाद पति रिचर्ड बतिस्ता ने पत्नी को किडनी दान करके उसकी जान बचाई।
वहीं, दोनों के रिश्तों में मोड़ तब आया जब 2005 में डॉनेल ने अपने पति से तलाक मांग लिया। रिचर्ड बतिस्ता ने अपनी पत्नी पर अफेयर का आरोप लगाया। वहीं, रिचर्ड बतिस्ता ने तलाक से पहले ये भी दावा किया कि उसने ही जान बचाने के लिए किडनी दान की थी। ऐसे में उसे किडनी वापस चाहिए। पति की इस डिमांड सुनकर पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई और उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इससे साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि किडनी वापस करना संभव नहीं है। इससे महिला की जान जा सकती है। साथ ही एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा कि किडनी डोनेट करने के बाद अब वो महिला के शरीर में है, इसलिए अब वो किडनी डॉनेल की है ना कि रिचर्ड की। वहीं, पति की इस अजीब मांग पर नासाउ काउंटी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया। उनकी कोई भी मांग नहीं मानी गई। कोर्ट ने दस पन्नों के फैसले में कहा कि पति की मांग कानून के अनुसार किए जाने वाले समाधान के विपरीत है। ये भी कहा गया कि इस बात की भी संभावना है कि ऐसी मांगों के कारण पति किसी आपराधिक मुकदमे में फंस जाए।