सारंगढ़-बिलाईगढ़ : जिले में कम बारिश होने पर प्रशासन ने बोर उत्खनन पर रोक लगाई है। इसके बाद भी रात के अंधेरे में और दिन के उजाले में अनुमति की आड़ में बोर हो रहे हैं । रोक लगाने के बाद मशीन संचालकों ने बोर के रेट भी बढ़ा दिए हैं । जिससे लोगों को बोर कराने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं , जिम्मेदार अधिकारी बेपरवाह हैं । दरअसल पूरे जिले को आगामी 31 जुलाई 2024 तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। छग पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 (क्रमांक 3) 1987 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए कलेक्टर ने यह आदेश दिया है। उक्त अधिनियम की धारा 06 के अंतर्गत सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिले में उपरोक्त अवधि में सक्षम अधिकारी की पूर्वानमुमति के बिना कोई नया नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी भी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं किया जा सकेगा । पर कर्मचारी व बोर संचालक की मिलीभगत से अनुमति दी जा रही है और रात के अंधेरे में खेतो में खनन का कार्य किया जा रहा। एक तरफ सीमावर्ती जिला रायगढ़ में अवैध खनन पर कार्रवाई की जा रही तो वहीं दूसरी ओर सारंगढ़ जिले में खनन करने का नायाब तरीका निकाल परमिशन कही का और खोदाई कहीं और कर अवैध खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है । फिलहाल मामले में एसडीएम वासु जैन ने दिए गए अनुमति वाले बोरों की जाँच उपरांत गलत पाए जाने पर कार्यवाही की बात कही है ।