नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है। इस तरह सस्ते कर्ज और कम ईएमआई के लिए लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इस बात की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। आरबीआई की एमपीसी ने 4:2 बहुमत से रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। दर-निर्धारण पैनल ने ‘सहूलियत वापस लेने’ के रुख को भी बरकरार रखने का फैसला किया। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को धन की कमी होने पर ऋण प्रदान करता है। यह मौद्रिक अधिकारियों के लिए मुद्रास्फीति के दबावों को प्रबंधित करने के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य करता है।
खाद्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ईंधन की कीमतों में गिरावट जारी है, खाद्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। उन्होंने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति, विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति के बाहरी जोखिमों के प्रति सतर्क है, क्योंकि इससे अवस्फीति की राह में देरी हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य स्तर तक कम करने और मुद्रास्फीति की उम्मीद को स्थिर रखने ध्यान केंद्रित कर रहा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को टिकाऊ आधार पर 4% के लक्ष्य पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कितनी रहेगी जीडीपी ग्रोथ
दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत से बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थिर विवेकाधीन खर्च के साथ निजी खपत में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश गतिविधि में तेजी जारी है। साथ ही कहा कि आईएमडी द्वारा सामान्य से अधिक दक्षिण-पश्चिम मानसून के पूर्वानुमान से खरीफ उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है।