रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल स्कैम में गिरफ्तार आईएएस अधिकारी रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट ने आज अंतरिम जमानत दे दी है। कोयला घोटाले में ईडी ने उन्हें 2022 में गिरफ्तार किया था। इस समय सबसे बड़े रायपुर जेल में बंद हैं। हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद रानू साहू ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें रिलीफ भी मिला।
देश की शीर्ष कोर्ट ने आज उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। मगर वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगी। इसी कोयला घोटाले में छत्तीसगढ़ के एसीबी ने रानू साहू को आरोपी बनाया है। इसके अलावा ACB ने आज आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा भी दर्ज कर किया है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत के बाद भी रानू साहू का जेल से छूटना संभव नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने 21 जुलाई 2023 को रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी आवास पर छापा मारा था। करीब चौबीस घंटें की जांच के बाद ईडी ने 22 जुलाई 2023 की सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बताते चले कि 21 जुलाई को रानू साहू के यहां दूसरी बार छापा पड़ा है। इससे पहले रायगढ़ कलेक्टर रहते ईडी ने उनके रायगढ़ स्थित बंगले सहित अन्य स्थानों पर छापा मारा था।
कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन के साथ ही बदला समीकरण
बता दें कि ईडी ने सूर्यकांत तिवारी को बंगलुरु (कर्नाटक) से गिरफ्तार किया था। तब ईडी ने बंगलुरू के कादूगोड़ी वाइट फिल्ड थाना में जुलाई 2022 में एक एफआईर दर्ज की थी। इस एफआईआर में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत आईपीसी की धारा 384 और 120 बी जोड़ा गया था। इसी एफआईआर के आधार पर छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर छापेमारी और गिरफ्तारी की गई थी। कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आते ही राज्य सरकार ने इन दोनों धाराओं को एफआईआर से हटा दिया।