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उम्र तो जवां है, फ‍िर क्‍यों म‍िल रही बुढ़ापे वाली द‍िल की बीमारी

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लाइफस्‍टाइल में आई गड़बड़ियों के कारण आजकल 65 वाली बीमार‍ियां 30 से 40 की उम्र में ही हो रही हैं. अगर आप बेहोशी जैसा महसूस करते हैं या आपकी धड़कने अचानक ही तेज हो जाती हैं, तो आपको इसे हल्‍के में नहीं लेना चाह‍िए. ये एट्र‍ियल फ‍िब्र‍िलेशन की बीमारी हो सकती है. इसे एफ‍िब रोग भी कहा जाता है. इसमें दरअसल धड़कन बहुत तेज और अन‍ियम‍ित हो जाती है. हालांक‍ि ये बीमारी 65 या उससे ऊपर के आयु वर्ग में देखने को म‍िलती है, लेक‍िन आजकल इसे युवाओं में देखा जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि युवाओं में एफ‍िब के मामले जीवनशैली से जुड़े तनाव, ब्‍लड प्रेशर और मोटापे के कारण हो रहे हैं.

इसे लेकर पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर यूनिवर्स‍िटी के कार्डिएक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. आदित्य भोंसले ने एक स्‍टडी की और इसमें पाया क‍ि जिन 67,000 से अधिक एफिब रोगियों का इलाज चला, उनमें एक चौथाई की उम्र 65 साल से कम थी. स्‍टडी के दौरान सभी युवा रोग‍ियों में कुछ बातें कॉमन पाई गईं, जैसे क‍ि उनकी नींद पूरी ना होना, शराब और स‍िगरेट पर न‍िर्भरता और हाई ब्‍लड प्रेशर और डायब‍िटीज की परेशानी.

स्‍टडी र‍िपोर्ट में कहा गया है क‍ि ये सभी बातें द‍िल की सेहत को प्रभाव‍ित करती हैं. हालांक‍ि ये र‍िपोर्ट पेंसिल्वेनिया की है, लेक‍िन भारत में हालात इससे अलग नहीं हैं. यहां भी कुछ ऐसा ही देखा गया है. भारतीय अस्पतालों में हुई रजिस्ट्री और स्‍टडी की मानें तो एफिब तीस और चालीस की उम्र के युवाओं को तेजी से प्रभावित कर रहा है.

ये बीमारी इतनी खतरनाक क्‍यों है ? 
तेज दौड़ने या चलने या एक्‍सरसाइज के बाद भी द‍िल तेज धड़कने लगता है. ये सामान्‍य बात है, लेक‍िन शारीर‍िक गत‍िव‍िध‍ि के ब‍िना दिल का सामान्‍य गत‍ि से ज्‍यादा तेज धड़कना नॉर्मल नहीं है. ये हार्ट अटै की वजह बन सकता है.

किसे है सबसे ज्‍यादा खतरा? 
1. ज‍िन लोगों को पहले से द‍िल की बीमारी है, डायब‍िटीज या हाई बीपी है.
2. ज‍िन लोगों को अच्‍छी नींद नहीं आती या जिन्‍हें स्लीप एप्निया है.
3. शराब और स‍िगरेट पीने वालों को इसका खतरा है.

कैसे ठीक हो सकता है 
1. वजन कम करने की कोश‍िश करें.
2. कार्ड‍ियो एक्‍सरसाइज जैसे क‍ि वॉक करें.
3. हेल्‍दी डायट लें और नींद पूरी करें.
4. स‍िगरेट शराब पीना छोड़ दें.