Home छत्तीसगढ़ चाकू मार कर मां की हत्या करने वाले पुत्र को सश्रम आजीवन...

चाकू मार कर मां की हत्या करने वाले पुत्र को सश्रम आजीवन कारावास

6
0

कोरबा :  बस्ती में निवासरत मीरा उरांव के पति की मौत के बाद वह अपने दो बेटे के साथ रहती थी। बताया जा रहा हैं की बड़ा बेटा पास्को एक्ट के मामले में जेल में निरूद्ध होने पर छोटा बेटा मनोज घर पर था। वह, मां के शराब पीने की लत से काफी परेशान था। साथ ही उसे मां के चरित्र पर भी शक था। इसी बात को लेकर दोनों के मध्य कई बार विवाद भी होता था।

चार मई 2023 की रात मां – बेटे के मध्य पुन: विवाद हुआ, तब आक्रोशित होकर मनोज ने चाकू से हमला कर मां की हत्या कर दी। मामले में पुलिस ने आरोपित पुत्र को गिरफ्तार न्यायालय में प्रस्तुत किया था।घटना लगभग डेढ़ वर्ष पहले कोतवाली थाना अंतर्गत राताखार बस्ती में हुई थी।

मामला न्यायालय में विचाराधीन था। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पैरवी करते हुए मामले में पर्याप्त साक्ष्य-सबूत पेश किया। इससे मनोज पर दोष सिद्ध हो गया। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने पुत्र को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

पत्नी पर जानलेवा हमला करने वाले पति को सात साल का कारावास

मामला श्यांग थाना अंतर्गत खिरसाली पारा का है। 17 दिसंबर 2022 को खिरसाली पारा निवासी प्रफु्ल्ल यादव व उसकी पत्नी लगनमति बाई दोनों घर पर शराब पीए हुए। इसी बीच किसी बात को लेकर दोनों के मध्य विवाद हो गया।

विवाद बढ़ने पर गुस्से में आकर प्रफुल्ल ने घर में रखे टंगिया (कुल्हाड़ी) से लगनमति के बाएं हाथ, बाएं कान के पीछे व अन्य स्थान पर हमला कर दिया, तदुपरांत घर से भाग गया। घटना में लगनमति गंभीर रूप से घायल हो गए। उसके चिल्लाने पर पड़ोस में निवासरत उसकी देवरानी पहुंची। उसकी हालत उसने अन्य लोगों को बुलाया और डायल 112 को सूचित कर उपचार के लिए अस्पताल ले गए।

मामले की सूचना मिलने पर श्यांग पुलिस ने प्रफुल्ल के विरूद्ध धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया। खोजबीन के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पैरवी की।

द्विवेदी ने बताया कि न्यायालय के समक्ष सभी साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। इसके बाद न्यायाधीश ने आरोपित को सात साल का सश्रम कारावास व पांच रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थ दंड जमा नहीं करने पर दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास का फैसला सुनाया है।