रिपोर्ट मुन्ना पांडेय,सरगुजा : बीते 13 अक्टूबर दिन रविवार को दशहरा पर्व के मौके पर नगर लखनपुर के झिनपुरीपारा वार्ड क्रमांक 01में निवासरत आदिवासी समाज के लोगों ने अपने परम्परा को कायम रखते हुये एक जुट होकर दसई करमा नृत्य किये। इसके अलावा जूना लखनपुर में भी करमा नृत्य का आयोजन हुआ महिला पुरुष मांदर के थाप पर थिरकते नजर आये। जिले के बहुतायत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में दशहरा के दिन करमा नृत्य किये जाने का रिवाज है। घासी राम खलखो ने बताया क्वार मास शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा अथवा द्वितीया तिथि को अपने मनमाफिक
पहले पहल महिलाएं बांस के छोटी टोकरी में जाई (जौ) ब़ोती है ठीक दशहरे के रोज मांदर मृदंग के साथ करमा गीत गाते नृत्य करते जंगल से करम डाल लाकर किसी एक व्यक्ति के घर आंगन में उसको गाड़ कर करमदेव की पूजा अर्चना कर किसी जानकर मुखिया व्यक्ति से कहानी सुनती है। बाद इसके दौर शुरू होता है करमा नृत्य करने का रात भर रतजगा कर गीत गाते हुए महिला पुरुष क़तार बद्ध तरीके से मांदर मृदंग के थाप पर थिरकते हुए करमा नृत्य करते हैं। और पूरे उत्साह से दसई करमा का जश्न मनाते हैं। इस दिन चावल से बने हंडिया शराब तथा कच्ची महुआ शराब पीने पिलाने के साथ मुर्गा बकरा खाने खिलाने का भी दौर चलता है। खासकर दशहरे वाले दिन दसई करमा तिहार मनाया जाता है क्षेत्र के उरांव आदिवासी समाज के लोगों ने परम्परागत दशहरा करमा त्योहार मनाया ।