रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा : अनादि काल से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए 16 अक्टूबर दिन बुधवार के अलावा गुरुवार को नगर लखनपुर में शरद पूर्णिमा श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। इस पर्व को कोजागरी पूर्णिमा कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
इस मौके पर प्राचीन राममंदिर ( ठाकुर बाड़ी) के पुजारी रामानुज गौतम एवं अमितेश गौतम के द्वारा आस्थावान भक्तजनो को प्रसाद स्वरूप खीर पुड़ी पकवान खिलाया गया। भक्तों ने ठाकुर बाड़ी पहुंच भगवान श्री राम सीता, राधा श्रीकृष्ण लक्ष्मण ,हनुमान सालिक राम अन्य देवी देवताओं के दर्शन पूजन किये।दरअसल शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर विधि पूर्वक मां लक्ष्मी और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा अर्चना और व्रत करने का आध्यात्मिक महत्व है। इससे जातक को सुख-समृद्धि धन वैभव की प्राप्ति होती है। चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत की वर्षा करते हैं।उस अमृत को पाने के लिए खीर बनाकर ज्योत्सना में रखी जाती है जिससे कि चन्द्रमा का प्रभाव उस खीर में आ जाये। खीर का सेवन करने से रोग व्याधि इत्यादि दूर हो जाता हैं। खीर ग्रहण करना शुभ माना गया है। शरद पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर मंडल अध्यक्ष दिनेश साहू , मुख्य नगरपालिका अधिकारी विद्या सागर चौधरी ठेकेदार अजय अग्रवाल ने भी गुरुवार को ठाकुर बाड़ी पहुंच प्रसाद ग्रहण किये।
धर्म शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि शरद पूर्णिमा को माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पूजन करने से अमिष्ट फल प्राप्ति होती है। माता लक्ष्मी का अवतरण समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा के मौके पर हुई थी। इस रोज मां लक्ष्मी धरती में विचरते हुये स्वयं भक्तों के घर आतीं हैं उन्हें आशिर्वाद प्रदान करती। यह भी मान्यता है कि चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है। वैज्ञानिक तथ्य है कि चन्द्रमा से विशेष तरह की किरण उत्सर्जित होकर असाध्य रोग में औषधि का काम करता है। यही वजह है कि श्रद्धालु रात्रि जागरण कर पूरे भक्ति भाव से शरद पूर्णिमा पर्व मनाते हैं। इस मौके पर नगर के प्राचीन स्वयं -भू-शिव मंदिर में प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि को होने वाले अखंड रामायण पाठ का आयोजन हुआ। जिसमे मानस मंडली के राम अवतार साहू जयनदन राजवाड़े,राधे श्याम साहू, जगेश्वर राजवाड़े,नदकेशवर दास महंत राजेश ठाकुर अन्य मंडली सदस्य शामिल रहे। फिलहाल नगर सहित आसपास गांवों में शरद पूर्णिमा पूरे आस्था के साथ मनाया गया।