सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ जल्द आने वाला है। यह व्रत पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। इस साल करवा चौथ 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इस व्रत को करते समय कई नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। हालांकि, यह व्रत सभी महिलाओं को करना चाहिए, लेकिन कुछ स्थितियों में स्त्रियों को यह व्रत नहीं करना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं किन महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिए।
कुंवारी लड़कियां न रखें यह व्रत
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, करवा चौथ व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए है। इसे अविवाहित लड़कियां ना रखें तो ही बेहतर है। क्योंकि, इस व्रत में सोलह श्रृंगार करके पूजा की जाती है।
अच्छा होगा कि अविवाहित लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए वे सावन में पड़ने वाला तीज का व्रत करें।
मासिक धर्म के दौरान न करें यह व्रत
जैसा कि आप जानते है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कोई भी पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। इस दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। हालांकि इस दौरान महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं, लेकिन पूजा नहीं करनी चाहिए।
कमजोर या अस्वस्थ महिलाएं न रखें व्रत
अगर कोई महिला डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या अन्य किसी बीमारी से ग्रसित हैं और बिना दवाओं या भोजन-पानी के नहीं रह सकती हैं, उन्हें भी करवा चौथ व्रत नहीं करना चाहिए। बेहतर होगा कि अपनी सेहत का ख्याल रखें। वरना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
गर्भवती महिलाएं न रखें व्रत
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं और उन्हें पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है। निर्जला व्रत रखने से गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी न रखें व्रत
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है ताकि वे अपने बच्चे को पर्याप्त दूध पिला सकें। निर्जला व्रत रखने से दूध की मात्रा कम हो सकती है और बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।