सरगुजा : जिले के हसदेव अरण्य काण्ड ने एक नया मोड़ ले लिया है। वन परिक्षेत्र उदयपुर के ग्राम परसा इस्ट केते कोल ब्लॉक में जंगल पेड़ों की कटाई को लेकर पुलिस पब्लिक के दरमियान महासंग्राम छिड़ गया है। घाटबर्रा में 200 पुलिस फोर्स डटी हुई है । जंगल में दरख़्तो के कटाई को रोकने पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुये झडप के बाद खुनी संघर्ष भी हुआ है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते 17 अक्टूबर दिन गुरुवार को पुलिस और पब्लिक के बीच जमकर मारपीट हुई जिसमें 3 पुलिस कर्मी जख्मी हो गये वहीं दर्जन भर से उपर ग्रामीण घायल हो गए। जख्मी पुलिस तथा फसाद में शामिल पब्लिक दोनों को जिला अस्पताल में ईलाज के लिए रिफर किया गया है। काबिले गौर है कि परसा कोल ब्लॉक में पेड़ कटाई को लेकर कोल कम्पनी अदानी और ग्रामीणों के बीच सालों से पेंच फंसा हुआ है। पूर्व के कांग्रेस सरकार ने लोगों का समर्थन करते हुये पेड़ कटाई पर स्फूर्त रोक लगा दी थी। लेकिन कोई सार्थक नतीजा सामने नहीं आया।
प्रदेश में सरकार बदलते ही
अदानी कम्पनी भूगर्भ से कोयला निकालने के दृष्टिगत जंगल के पेड़ों को काटे जाने कवायद शुरू कर दी हैं। वहीं आसपास के ग्रामीण अपने जल जंगल जमीन को बचाने प्रयासरत है। सूरतेहाल ऐसा है कि ग्राम परसा केते घाटबर्रा सहित आसपास के तमाम गांवों में अदानी द्वारा कोयला खदान के लिए अधिगृहीत किये गये जमीन से पेड़ कटाई किये जाने को लेकर ग्रामवासियों ने एतराज जताते हुए पेड़ काटने पर विरोध जताया है । अब प्रशासन के बलबूते कम्पनी ने जंगलों से दरख़्त काटे जाने की मुहिम चला दी है। इसी बात को लेकर पुलिस प्रशासन पब्लिक आमने-सामने आ गये हैं। कोल ब्लॉक के एरिया में आने वाले तमाम गांवों के लोगों ने खुल कर विरोध प्रकट किया है।
सालों से चल रहे पब्लिक प्रशासन के बीच छिड़े इस जग का हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। पुलिस एवं पब्लिक एक दूसरे के उपर मारपीट करने पहले पहल करने का आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं । घाटबर्रा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गई है। 18 अक्टूबर दिन शुक्रवार को समझौता होने के पश्चात हालात सामान्य होने की समाचार रहीं हैं। देखने वाली बात है कि इस संघर्ष का क्या नतीजा सामने आता है। वक्त आने पर ही मालूम हो सकेगा।