Home छत्तीसगढ़ जनजाति समाज के गौरवशाली अतीत पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

जनजाति समाज के गौरवशाली अतीत पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा  : छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग एवं सरगुजा विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार शासकीय महाविद्यालय लखनपुर में जनजाति समाज के गौरवशाली ऐतिहासिक सामाजिक आध्यात्मिक विषय पर 23 अक्टूबर दिन बुधवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ।कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि उपेन्द्र सिंह रहे।महाविद्यालय लखनपुर के प्राचार्य डी.पी.साहू , संयोजक दिलीप कुमार पैकरा सहसंयोजक श्रीमती बिन्दुरानी सिंह आदि के गरिमामय उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ।सर्वप्रथम मां सरस्वती , बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती, वीर नारायण सिंह के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।इसके पश्चात मचासीन अतिथियों का बाकायदा पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य साहू ने समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुये कार्यक्रम विषय पर अपने विचार व्यक्त किये, उन्होंने जनजाति समाज के मूल आधार जल, जंगल ,जमीन को संरक्षित करने पर बल दिया।कार्यक्रम के सहसंयोजक श्रीमती बिन्दुरानी सिंह ने आज की कार्यक्रम के विषय वस्तु पर रूपरेखा प्रस्तुत किये।उद्बोधन के कड़ी में मुख्य अतिथि वक्ता उपेन्द्र सिंह ने जनजाति समाज के गौरवशाली अतीत उनकी बोली ,भाषा आचार, विचार, रहन सहन भेष-भूषा,विवाह, संस्कृति अतिथि सत्कार करने का तरीका तथा उनके गौरवशाली सामाजिक , आध्यात्मिक अच्छाइयों का वर्णन तफ़सील से किया।द्वितीय वक्ता गुप्ता ने जनजाति समाज के महत्वपूर्ण पहचान एवं उनके धरोहरों को सहेजने पर जोर दिये।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डी .पी. साहू ने बताया कि- संपूर्ण जनजाति समाज और उनके जीवन दर्शन से सभी को प्रेरणा लेने की जरूरत है , जनजाति समाज के उत्कृष्ट कार्यो तथा ऐतिहासिक संघर्ष, विद्रोह पर भी प्रकाश डाला।साथ ही जनजाति विशेषताओं को रेखांकित करते हुए समाज की मौलिकता को बचाए रखने पर बल दिया ।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक श्रीमती बिन्दुरानी सिंह ने किये ।संयोजक दिलीप कुमार पैकरा ने जनजाति समाज पर अपने विचार व्यक्त करते हुये। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ,प्राचार्य अधिकारी एवं कर्मचारियों छात्र-छात्राओं मीडियाकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किये । इस मौके पर महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने जनजातीय भेष-भूषा में अपने आपको पेश करते हुये मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।