रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा : जिले के लखनपुर वन परिक्षेत्र कार्यालय में चक्रिय नीधि से फारेस्ट आफिस में पदस्थ पूर्व वनपाल एवं नर्सरी प्रभारी रहे सतीश तिवारी ने दस साल पहले वर्ष 2014 में महिलाओं का फर्जी स्वयं सहायता समूह बना चक्रिय नीधि का ऋण राशि कुटरचित ढंग से भगवती समूह का नाम दर्शाकर समुह के सभी महिला सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज समिट कर सेन्ट्रल बैंक शाखा से 75,000/- रूपये निकाल लिया। भगवती महिला स्वयं सहायता समूह कुंवरपुर के सदस्यों के बताये मुताबिक बैंक से उनके द्वारा कोई ऋण राशि वन विभाग के मार्फत नहीं लिया गया है।
इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है । वन अमला द्वारा नोटिस जारी करने और महिला समुह के कथन से रिटायर्ड वन पाल सतीश तिवारी द्वारा चालाकी पूर्वक सेन्ट्रल बैंक शाखा में चक्रिय नीधि से राशि गबन करने जैसे फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। वन परिक्षेत्र कार्यालय लखनपुर में पदस्थ रहे पूर्व के नर्सरी प्रभारी एवं रिटायर्ड वन पाल सतीश तिवारी ने अपने मनमाफिक 10 महिलाओं का नाम जोड़कर भगवती समूह का झूठा नाम देकर चक्रिय नीधि का राशि गबन किया है ।भगवती स्वयं सहायता समुह के महिलाओं ने अपने लिखित बयान में स्पष्ट किया है कि- सतीश तिवारी द्वारा भगवती समुह के नाम से किसी दूसरे महिलाओं का नाम जोड़कर चालाकी पूर्वक बैंक से राशि निकालने दूसरे महिलाओं का इस्तेमाल किया गया है। प्रस्ताव में किये गये हस्ताक्षर भगवती समुह के किसी पदाधिकारी अथवा सदस्यों के दस्तखत से नहीं मिलते। भगवती स्वयं सहायता समूह ने वन विभाग से कोई चक्रिय नीधि से ऋण नहीं लिया है।
जाहिर है सतीश तिवारी द्वारा दूसरे महिलाओं से हस्ताक्षर करा बैंक से पैसा आहरण किये गये है। भगवती स्वयं सहायता समूह के महिलाओं ने रिटायर्ड वन पाल सतीश तिवारी के उपर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। महिलाओं ने यह भी उदाहरण पेश किये है कि राशि आहरण के वक्त अंगूठा निशान से दस्तखत करने वाले महिलाओं का लिखित और लिखित हस्ताक्षर करने वाले महिलाओ का अंगूठा हस्ताक्षर दर्शाया गया है। सब फर्जी है।इन बिंदुओं को देखते हुए लगता है कि गलत तरीके से समूह बनाया गया है। प्रस्ताव में महिलाओं के जातियों का उल्लेख भी गलत दर्शाया गया है।समूह सदस्यों को वनरक्षकों द्वारा नोटिस पहुंचाने कई दिनों से तलाश किया जा रहा था गांव के सभी लोगों से पता भी किये लेकिन समुह सदस्यों का नाम फर्जी होने कारण सही तथ्य का खुलासा नहीं हो पा रहा था। वन विभाग एवं भगवती स्वयं सहायता समूह के सदस्य इस हकीकत से नावाकिफ थे।वन पाल सतीश तिवारी द्वारा फर्जी तरीके से भगवती समूह बनाया गया और चक्रिय नीधि से राशि निकाल गबन किया गया है।
यह बात भी सामने आई है कि गांव के दो महिलाएं (1) कौशिल्या पति किशुन जाति कंवर (2) करमकुंवर पति जगत जाति कंवर दोनो को यह कहते हुए कि आप लोगों ने नर्सरी में काम किये है उसका मजदूरी भुगतान करना है ।बरगला बैंक में लेजाकर पूर्व वनपाल रहे सतीश तिवारी ने फर्जी तरीके से वर्ष 2014–15 में बैंक से पैसा आहरण किये है। इस तरह से रिटायर्ड वन पाल सतीश तिवारी ने सुनियोजित फर्जी ढंग से शासकीय राशि का गबन किया है। जो जांच का विषय है। देखने वाली बात होगी कि वन विभाग रिटायर्ड वन पाल सतीश तिवारी के उपर क्या कार्यवाही करता है।