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कृषि के लिए लगातार तीसरी बार बढ़ा बजट, खेती-किसानी पर खर्च होंगे 1.71 लाख करोड़ रुपये

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी 2025 को देश का बजट 2025-26 पेश कर दिया है. इस बजट में किसान, महिला, युवा समेत कई वर्गों के लिए बड़ी घोषणाएं की गई हैं. केंद्रीय वित्तमंत्री ने कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.71 लाख करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान किया है. यह बीते वित्तवर्ष में निर्धारित बजट की तुलना में लगभग 19 हजार करोड़ रुपये अधिक है. इस बार दलहन-तिलहन मिशन समेत मखाना और कपास की खेती पर खास फोकस किया जाएगा.

कृषि के लिए लगातार तीसरी बार बढ़ा बजट 

केंद्रीय वित्तमंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए जारी होने वाले बजट में बड़ी बढ़ोत्तरी कर दी है. केंद्रीय मंत्री कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए बजट 1.71 लाख करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान किया है. यह बीते साल के बजट की तुलना में लगभग 19 हजार करोड़ रुपये अधिक है. बीते साल 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था. वहीं, उससे पहले बजट रकम 1.47 लाख करोड़ रुपये आवंटन का प्रावधान किया गया था.

ग्रामीण विकास के लिए नहीं बढ़ा बजट 

ग्रामीण विकास के लिए केंद्र सरकार ने इस बार बजट नहीं बढ़ाया है. केंद्रीय वित्तमंत्री मंत्री ने विकसित भारत के लक्ष्य के तहत ग्रामीण विकास के लिए वित्तवर्ष 2025-26 के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इतनी ही रकम पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भी तय की गई थी. इस बजट को सड़क, आवास, ग्रामीण रोजगार और ग्रामीण बुनियादी ढांचा बेहतर करने में खर्च किया जाएगा.

कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाएं 

दलहन-तिलहन और कपास मिशन  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने केंद्रीय बजट 2025-26 भाषण में दालों में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए छह साल के मिशन की घोषणा की है. इसके साथ ही तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए भी घोषणा की गई है. जबकि, कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए भी 6 साल के मिशन का ऐलान किया गया है.

किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख बढ़ाई  

सीतारमण ने कहा किसान क्रेडिट लिमिट बढ़ाई जा रही है. उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. पहले यह लिमिट 3 लाख रुपये थी.

मखाना बोर्ड और फूड इंस्टीट्यूट बनाने की घोषणा 

वित्त मंत्री ने कहा कि मखाना की मार्केटिंग के लिए काम किया गया है. इसके लिए एफपीओ का गठन किया जा रहा है. मखाना बोर्ड से छोटे किसानों और व्यापारियों को फायदा होगा. इसके लिए बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जा रहा है.

भारत की विकास यात्रा के लिए कृषि प्रथम इंजन – वित्तमंत्री

  1. बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी
  2. उच्च पैदावार वाले बीजों पर राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ किया जाएगा
  3. दूसरे 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी
  4. कपास उत्पादकता के लिए पांच वर्षीय अभियान की घोषणा की गई
  5. किसान क्रेडिट कार्ड ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया
  6. असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन उर्वरक संयंत्र की स्थापना की जाएगी
  7. अंडमान तथा निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपों पर दीर्घकालिक मत्स्य संवर्धन के लिए नए अनुकूल फ्रैमवर्क पर विशेष ध्यान दिया जाएगा