इस तरह करें पूजाप्रदोष व्रत की पूजा के दौरान शिवलिंग का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से अभिषेक करें। इसके बाद साफ जल में गंगाजल मिलाकर अभिषेक करें। अब शिव जी को बेलपत्र, फल, फूल, धूप-दीप और नैवेद्य चढ़ाएं। पूजा के बाद शिवजी के ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जप करें और अंत में शिव जी की आरती करें। इसी के साथ आप शिव तांडव स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
पूजा में करें ये कामप्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा के दौरान उनका पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। साथ ही महादेव को चंदन और भस्म आदि से तिलक लगाएं। इसी के साथ शिव जी को कनेर के फूल, बेलपत्र, शमी और धतूरा आदि अर्पित करें। भोग के रूप में आप महादेव को खीर, दही या फिर सूजी के हलवा अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक जलाकर शिव जी की आरती करें।
दूर होगी नौकरी की रुकावटरवि प्रदोष व्रत के दिन सवा किलो साबुत चावल लेकिन, इनमें से कुछ चावल शिव मंदिर में अर्पित करें। इसके बाद बाकी बचे चावलों का गरीबों व जरूरतमंदों में दान कर दें। ऐसा करने से साधक के कार्यक्षेत्र में आ रही किसी भी प्रकार की बाधा दूर हो सकती है।