Home देश कौन है वो ‘अद्भुत व्‍यक्ति’ जिसे दिल्ली में बीजेपी सीएम बनाने जा...

कौन है वो ‘अद्भुत व्‍यक्ति’ जिसे दिल्ली में बीजेपी सीएम बनाने जा रही है?

11
0

दिल्ली : दिल्ली में बीजेपी की संभावित जीत के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए किसे चुन सकती है? भारतीय जनता पार्टी को एक ऐसे नेता की तलाश है जो न सिर्फ संगठन को मजबूती से संभाले बल्कि विकास कार्यों में भी तेज़ी ला सके. साथ ही, पार्टी को एक ऐसे चेहरे की भी ज़रूरत है जो जनता में लोकप्रिय हो और विपक्ष को करारा जवाब दे सके.

भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और बीजेपी सांसद रवि किशन ने इस मुद्दे पर दिलचस्प टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, “न नायब सैनी को पता था, न खट्टर साहब को, न भजनलाल जानते थे और योगी बाबा को भी नहीं पता था कि वे सीएम बनेंगे. यही तो इस भाजपा संगठन की खूबसूरती है. देखिएगा कि दिल्ली में भी कोई अद्भुत व्यक्तित्व आ जाएगा, और सब मुंह खोलकर देखते रह जाएंगे.” अब सवाल यह उठता है कि वो

“अद्भुत” नेता कौन होगा?

1. किस समुदाय से आ सकता है दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री?  

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में कई बड़े नाम शामिल हैं. इनमें प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, वीरेंद्र सचदेवा और मनोज तिवारी प्रमुख रूप से चर्चा में हैं.

1. प्रवेश वर्मा (जाट समुदाय)  

प्रवेश वर्मा नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और यहां कांटे की टक्कर जारी है. अगर वे यह चुनाव जीतते हैं, तो उनके सीएम बनने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. जाट समुदाय से होने के कारण उनकी नियुक्ति से यूपी, हरियाणा और राजस्थान में बीजेपी को बड़ा फायदा मिल सकता है.

2. रमेश बिधूड़ी (गुर्जर समुदाय)  

कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार आतिशी के खिलाफ लड़ रहे रमेश बिधूड़ी भी सीएम पद के दावेदारों में हैं. अगर वे आतिशी को हराते हैं, तो यह उनकी काबिलियत को साबित करेगा. बीजेपी को दिल्ली में एक आक्रामक नेता की ज़रूरत है जो विपक्षी हमलों का माकूल जवाब दे सके और बिधूड़ी इस काम के लिए बिल्कुल फिट बैठते हैं.

3. वीरेंद्र सचदेवा (पंजाबी समुदाय)  

बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा पार्टी के पंजाबी वोटबैंक को मजबूती से थामे हुए हैं. दिल्ली की राजनीति में पंजाबी समुदाय का बड़ा प्रभाव है और सचदेवा की छवि भी मज़बूत नेता की है. अगर बीजेपी दिल्ली में सरकार बनाती है, तो उनकी अगुवाई में इसे जीत का श्रेय दिया जाएगा, जिससे उनकी सीएम पद की दावेदारी मजबूत हो जाती है.

4. मनोज तिवारी (पूर्वांचली समुदाय)  

भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी पूर्वांचली समाज के सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे हैं. उनकी लोकप्रियता और जनसंपर्क क्षमता बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकती है. हालांकि, किसी एक समुदाय को पूरी तरह संतुष्ट करने के लिए बीजेपी के लिए संतुलन साधना ज़रूरी होगा.

2. क्या कोई महिला बन सकती है दिल्ली की मुख्यमंत्री?  

बीजेपी के पास महिला सीएम बनाने का विकल्प भी खुला है, जिससे पार्टी एक तीर से दो निशाने साध सकती है. इससे आम आदमी पार्टी के महिला वोटबैंक में सेंध लगाई जा सकती है और दिल्ली की राजनीति में नया संदेश भी दिया जा सकता है.

महिला उम्मीदवारों में ये नाम हैं आगे  

– बांसुरी स्वराज – सुषमा स्वराज की बेटी और एक मजबूत महिला चेहरा

– मीनाक्षी लेखी – वर्तमान केंद्रीय मंत्री और अनुभवी नेता

– स्मृति ईरानी – तेजतर्रार वक्ता और पार्टी की लोकप्रिय नेता

अगर बीजेपी महिला उम्मीदवार को सीएम बनाती है, तो इससे जाट, गुर्जर, पंजाबी और पूर्वांचली समुदायों के बीच का प्रतिस्पर्धा भी खत्म हो जाएगी.

3. क्यों विजेंद्र गुप्ता हो सकते हैं बीजेपी के सबसे बड़े दावेदार?  

दिल्ली बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक विजेंद्र गुप्ता ने कठिन समय में पार्टी का झंडा बुलंद रखा है. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में जब बीजेपी को मात्र 3 सीटें मिली थीं, तब भी उन्होंने अपनी सीट बचाई थी. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने हमेशा केजरीवाल सरकार को घेरा. गुप्ता बनिया समुदाय से आते हैं, जो दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. अगर बीजेपी उन्हें सीएम बनाती है, तो यह अरविंद केजरीवाल के वोटबैंक पर भी असर डाल सकता है.

4. क्या दुष्यंत गौतम को मिल सकता है सीएम पद?

दलित नेता और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम का नाम भी चर्चा में है. अगर बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री बनाती है, तो इससे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के दलित वोटबैंक में सेंध लगाई जा सकती है. इससे बीजेपी को 2029 के लोकसभा चुनावों में भी फायदा मिल सकता है. हालांकि, खबर लिखे जाने तक दुष्यंत गौतम अपनी सीट से करीब 8500 वोटों से पीछे चल रहे थे.

कौन बनेगा दिल्ली का सीएम?  

दिल्ली में मुख्यमंत्री पद को लेकर कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन बीजेपी का चुनाव संगठन की रणनीति पर निर्भर करेगा. पार्टी संतुलन बनाकर फैसला ले सकती है, जिसमें एक समुदाय से सीएम और अन्य समुदायों से डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं. अब देखना यह होगा कि बीजेपी के हाईकमान का फैसला किसके पक्ष में जाता है और दिल्ली को कौन सा “अद्भुत व्यक्तित्व” मुख्यमंत्री के रूप में मिलता है.