नई दिल्ली : शेयर बाजार में मंगलवार को कोहराम मच गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान ने भारतीय बाजार में ऐसी बिकवाली को हवा दी कि खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स और निफ्टी 1.50 फीसदी से ज्यादा टूट गए. सेंसेक्स जहां करीब 1200 अंक टूटा तो निफ्टी में भी करीब 350 अंकों की गिरावट आई. बाजार बंद होने तक सेंसेक्स 1.3 फीसदी गिरकर 76,294 तक आ गया. वहीं, निफ्टी 310 अंकों की गिरावट के साथ 23,100 पर बंद हुआ. इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह डोनाल्ड ट्रंप के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर को माना जा रहा है.
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस में आयात होने वाले एल्युमीनियम और स्टील पर 25 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है. ट्रंप ने 10 फरवरी को इस फैसले पर हस्ताक्षर किए थे. इससे पहले इन प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी केवल 10 फीसदी थी. भारत भी यूएस को एल्युमीनियम और स्टील का निर्यात करता है. यानी टैरिफ का असर भारत पर भी होगा. संभव है कि यहां से अमेरिका को होने वाले स्टील और एल्युमीनियम के निर्यात में गिरावट आ जाए.
मनीकंट्रोल के अनुसार, रुपये की लगातार गिरावट से मार्केट के सेंटीमेंट पर दबाव बना रहा. सोमवार को यह इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान 88 प्रति अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. Sowilo Investment Managers LLP के फंड मैनेजर और को-फाउंडर संदीप अग्रवाल ने कहा, “बाजार में गिरावट का मुख्य कारण रुपये का डीवैल्यूएशन है. जब रुपया कमजोर होता है, तो विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली बढ़ जाती है क्योंकि उनकी वास्तविक रिटर्न घट जाती है.”
हालांकि, आज रुपये में करीब 21 पैसे की रिकवरी देखी गई, जिससे यह 87 प्रति डॉलर के स्तर पर वापस आ गया। इस सुधार के पीछे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संभावित हस्तक्षेप को कारण माना जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद, समग्र रुझान कमजोर बना हुआ है, क्योंकि इस साल रुपये का प्रदर्शन एशिया की सबसे खराब मुद्रा के रूप में रहा है। भारतीय शेयर बाजार से लगभग 9 अरब डॉलर की निकासी होने के चलते रुपये पर दबाव बना हुआ है.