नई दिल्ली : भारत में 35 साल से कम उम्र के 45 फीसदी युवा निवेश के लिए शेयर बाजार (Stock Market Investment) को प्राथमिकता दे रहे हैं। रिसर्च फर्म 1Lattice और StockGro की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, युवाओं का इक्विटी निवेश (Equity Investment) की ओर रुझान बढ़ने का मुख्य कारण वित्तीय जागरूकता (Financial Awareness), टेक्नोलॉजी की मदद से बेहतर निवेश विकल्प और लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन (Long-term Wealth Creation) का लक्ष्य है।इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर क्यों फोकस कर रहे हैं युवा?
रिपोर्ट के अनुसार, 81% उत्तरदाताओं ने शेयर बाजार में निवेश कर रखा है, जो दर्शाता है कि युवा पारंपरिक बचत योजनाओं से हटकर सीधे इक्विटी मार्केट (Direct Equity Market) में निवेश कर रहे हैं। हालांकि, 42% गैर-निवेशकों को लगता है कि उनके पास निवेश शुरू करने के लिए जरूरी जानकारी की कमी है, जबकि 44% निवेशक स्टेप-बाय-स्टेप गाइडेंस चाहते हैं।डिजिटल प्लेटफॉर्म और AI से निवेश सीखना आसान
AI-बेस्ड इन्वेस्टमेंट रिकमेंडेशन (AI-based Investment Recommendations), रियल-टाइम डेटा (Real-time Data) और वर्चुअल ट्रेडिंग एक्सपीरियंस (Virtual Trading Experience) जैसी सुविधाओं ने निवेश को अधिक आसान बना दिया है। करीब 50% नए निवेशक रियल मनी लगाने से पहले वर्चुअल मनी से अभ्यास करते हैं।बाजार में अस्थिरता को लेकर निवेशकों की चिंता
हालांकि, 51% निवेशक संभावित बाजार गिरावट (Market Volatility) को लेकर चिंतित हैं। पिछले कुछ महीनों में सेंसेक्स और निफ्टी करीब 15 फीसदी तक गिर चुके हैं। इससे निवेशकों की चिंता बढ़ रही है। हालांकि, उन्हें उम्मीद भी है कि मार्केट में जल्द रिकवरी होगी।रिपोर्ट बताती है कि डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म (Digital Investment Platforms) छोटे शहरों तक अपनी पहुंच बना रहे हैं, जिससे अधिक लोग वित्तीय साक्षरता हासिल कर रहे हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म निवेश को बना रहे आसानStockGro के फाउंडर और CEO अजय लाखोटिया ने कहा, “युवा निवेशक डिजिटल निवेश और इक्विटी बाजार में बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं। ऐसे में वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।”
1Lattice के CEO अमर चौधरी के अनुसार, “इक्विटी निवेश को अब वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) और पैसिव इनकम (Passive Income) के रूप में अपनाया जा रहा है।” हालांकि, बढ़ती रुचि के बावजूद, फाइनेंशियल एजुकेशन (Financial Education) एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।