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हाउसिंग बोर्ड के 162 मकान बिना आवंटन के हो गए जर्जर, बिना योजना के गृह निर्माण मंडल ने बसाई कॉलोनी

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रायगढ़ : सस्ते दर पर आवास बनाकर बेचने वाला हाउसिंग बोर्ड अपनी परियोजनाओं के लोकेशन को लेकर सवालों के घेरे में है। ऐसी जगहों पर आवासीय कॉलोनी बना दी गई, जहां कोई खरीदार ही नहीं आया। इस वजह से रायगढ़ जिले में 161 मकान बिना आवंटन के ही जर्जर हो गए। इस पर लगाई गई करोड़ों की रकम बेकार हो गई।सरकार ने बहुत कम दरों पर गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों को आवास बनाकर उपलब्ध कराने के लिए छग गृह निर्माण मंडल संस्था का गठन किया।

सरकार से जमीन आवंटित करवाकर संस्था को कॉलोनी विकसित करनी थी। हाउसिंग बोर्ड सरकार से फंड लेकर आवासों का निर्माण करता है। इसे बेचकर आय अर्जित करता है। शासन से ऐसी जगहों पर जमीनें ली गई जहां कॉलोनी के मकान बिकने की संभावना कम थी। रायगढ़ जिले में दो प्रोजेक्ट ऐसे हैं जहां खरीदारों ने रुचि ही नहीं ली।

सामान्य आवास योजना के तहत खरसिया में राजीव नगर नामक कॉलोनी बनाई गई। यहां 29 में से 28 आवास जर्जर हो चुके हैं। शहर से दूर होने के कारण किसी ने मकान ही नहीं खरीदे। अब ये 28 आवास बर्बाद हो चुके हैं। इससे भी बड़ी गड़बड़ी खरसिया के ही गीधा में हुई है। अटल नगर नाम से आवासीय कॉलोनी बनाई गई जिसमें 133 आवासों का निर्माण किया गया। शहर से दूर होने के कारण भवन जर्जर हो गए हैं। मजे की बात यह है कि सारे 133 मकान ही जर्जर और छत विहीन हैं। ये निवास योग्य ही नहीं बचे हैं। इन दोनों कॉलोनियों में एक मकान की लागत औसतन 20 लाख रुपए भी आंकी जाए तो 32 करोड़ रुपए स्वाहा कर दिए गए।

राशि जमा नहीं की इसलिए आवंटन निरस्त

जिले में ऐसे 14 आवास हैं जिनके आवंटियों ने राशि जमा नहीं की। अटल आवास योजना पुसौर में 9, धरमयगढ़ में 1, घरघोड़ा में 1 और अटल विहार धरमजयगढ़ में 3 आवासों का आवंटन निरस्त कर दिया गया क्योंकि हितग्राहियों ने राशि जमा नहीं की। भवानी शंकर षडंगी नगर चांदमारी में कलेक्टर के मौखिक आदेश पर 6 आवासों का आवंटन रोका गया है।