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कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तर की परीक्षा में छत्तीसगढ़ के शुभम ने किया देश में टॉप

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अंबिकापुर :  कर्मचारी चयन आयोग (संयुक्त स्नातक स्तर) की अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा में अंबिकापुर के कुंडला सिटी निवासी शुभम अग्रवाल ने देश भर में पहला स्थान हासिल किया है। इस कठिन परीक्षा में शुभम ने 390 में से 383 अंक हासिल किए।

विदेश मंत्रालय भारत सरकार में शुभम को असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर का पद मिला है। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि से शुभम का परिवार गौरवान्वित है।

दो चरणों में हुई थी परीक्षा

  1. संघ लोक सेवा आयोग के बाद राष्ट्रीय स्तर की अधिकारी वर्ग की प्रतियोगी परीक्षा कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तर को मानी जाती है। एसएससी सीजीएल के नाम से यह परीक्षा दो चरणों मे हुई।
  2. प्रथम चरण की परीक्षा में देश भर में 19 लाख युवाओं ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया। दूसरे चरण के लिए लगभग एक लाख 60 हजार परीक्षार्थी चयनित हुए। दो चरण की परीक्षा के बाद अब परिणाम घोषित किया गया।
  3. केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में अधिकारी पदों पर इस परीक्षा के माध्यम से 18 हजार युवाओं का चयन हुआ है। शुभम ने बताया कि पूरे मनोयोग के साथ उन्होंने पढ़ाई की इसी का परिणाम सफलता के रूप में सामने आया है।

जानिए शुभम के बारे में… पिता व्यापारी, खुद चलाते थे ट्यूशनशुभम के पिता मुकेश अग्रवाल व्यवसायी हैं। शुभम अंबिकापुर के कुंडला सिटी में ही ट्यूशन क्लास चलाते हैं। शुभम की प्रारंभिक शिक्षा भैयाथान के नेहरू बाल विद्या मंदिर से हुई। इसके बाद सूरजपुर के ग्लोबल पब्लिक स्कूल से कक्षा नवमी और 10वीं की पढ़ाई की।

कक्षा 11वीं और 12वीं की शिक्षा फिर से सूरजपुर जिले के भैयाथान के सरकारी स्कूल से पूरी करने के बाद शुभम ने इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण की। एनआईटी रायपुर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने वाले शुभम अग्रवाल ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा में तीन बार सफलता हासिल की थी।

शुभम अब विदेश मंत्रालय में सेवा देंगे। यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ से कोई इस परीक्षा में प्रथम आया है। कई वर्षो के कठिन परिश्रम के पश्चात यह मुकाम मिलने पर शुभम उत्साहित है।

शुभम ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता,भाई, धर्मपत्नी के साथ – साथ अपने गुरुजनों को दिया है। उनका कहना है कि वे नियमित रूप से पढ़ाई से जुड़े रहे। ट्यूशन क्लासेस के माध्यम से पढ़ाई जारी रखी। इच्छा थी कि अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिले। इसके लिए मेहनत भी की।