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छत्तीसगढ़ के माता मंदिरों में उमड़ी भीड़

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रायपुर : शक्ति आराधना का महापर्व चैत नवरात्रि आज से शुरू हो रही है। इस साल एक तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्रि 8 दिन के होंगे। कहते हैं कि इन पावन दिनों में व्रत-उपासना से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है। चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है। छत्तीसगढ़ के देवी मंदिरों में नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी, दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, रतनपुर में मां महामाया, सुरजपूर में मां कुदरगढ़ी, चंद्रपुर में मां चंद्रहासिनी, धमतरी में मां अंगारमोती और बिलई माता मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। आस्था और विश्वास के साथ भक्त देवियों के दर्शन के पहुंच रहे हैं। वहीं राजधानी रायपुर के महामाया मंदिर, रावाभांठा स्थित बंजारी मंदिर, आकाशवाणी चौक स्थित काली माता मंदिर में भक्त पहुंच रहे हैं।

राजनांदगांव के डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर है। पहाड़ी की चोटी पर बना ये मंदिर ऐतिहासिक है। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्त की मनोकामना मां पूरी करती हैं। शारदीय और चैत्र नवरात्र के मौके पर यहां मेले जैसा माहौल रहता है। पूरे नौ दिन मंदिर ज्योति कलश जलाए जाते हैं। नवरात्र पर मां बम्लेश्वरी के भक्त विदेशों से भी मन्नत पूरी होने पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी माता का मंदिर है। देश के 52 शक्ति पीठों में से एक है। मंदिर के बारे में इतिहासकारों का कहना है कि इसका निर्माण चालुक्य वंश के राजाओं ने कराया था। पहाड़ की चोटी पर बना ये मंदिर हिंदू आस्था का बड़ा केंद्र है। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां मनोकामना दीपक नवरात्र में जलाता है उसकी मनोकामना मां खुद पूरा करती हैं। मां दंतेश्वरी बस्तर राज्य की कुल देवी भी हैं। मंदिर को लेकर कई पौराणिक कहानियां भी प्रचलति हैं। कहा जाता है कि सतयुग के दौरान देवी सती का दांत यहां पर गिरा था। उसी जगह पर ये मंदिर बनाया गया है।