Home धर्म - ज्योतिष राम नवमी पर जानें भगवान राम के 63 पूर्वजों के नाम

राम नवमी पर जानें भगवान राम के 63 पूर्वजों के नाम

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आज राम नवमी है. आइए जानते हैं भगवान राम के 63 पूर्वजों के नाम. भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाक ने इक्ष्वाकु वंश की स्थापना की थी. इसी इक्ष्वाकु वंश में भगवान राम का जन्म हुआ था.

कहा जाता है कि सूर्यवंश क्षत्रियों के दो प्रधान वंशों में से एक प्रमुख वंश है, जिसका आरंभ इक्ष्वाकु ने किया था. एक को चंद्रवंश कहा जाता है और दूसरे को सूर्यवंश. चूंकि राम का संबंध इक्ष्वाकु वंश से है, इसलिए राम को सूर्यवंशी कहा जाता है. पुराणों में सूर्यवंशी राजाओं का इतिहास दर्ज मिलता है.

सूर्यवंशी राम 

इसीलिए ग्रंथों में भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा गया है. किसी काल में जब जल-प्रलय हुआ था, तो उसके बाद वैवस्वत मनु के साथ ही कुछ अन्य ऋषियों के कुल इस धरती पर अवतरित हुए. ऐसा माना जाता है कि वैवस्वत मनु के कुल दस पुत्र थे- इल, इक्ष्वाकु, कुशनाम, अरिष्ट, धृष्ट, नरिष्यंत, करुष, महाबली, शर्याति और पृषध. दूसरे कुल इक्ष्वाकु में राम का जन्म माना जाता है. यही नहीं, जैन धर्म के तीर्थंकर निमि का जन्म भी इसी कुल में हुआ था. इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया था और वहीं पर इक्ष्वाकु कुल की स्थापना की थी. इस वंश के गुरु वशिष्ठजी थे. ऐसा माना जाता है कि इक्ष्वाकु वंश में भगवान राम के पिता दशरथ 63वें शासक थे.

भगवान राम की वंशावली 

ब्रह्माजी के पुत्र मरीचि थे.

मरीचि के पुत्र कश्यप थे.

कश्यप के पुत्र विवस्वान थे.

विवस्वान के पुत्र वैवस्वत मनु थे.

वैवस्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु थे.

इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि थे.

कुक्षि के पुत्र विकुक्षि थे.

विकुक्षि के पुत्र बाण थे.

बाण के पुत्र अनरण्य.

अनरण्य पुत्र पृथु थे.

सांकेतिक फोटोप्रथु के पुत्र त्रिशंकु थे.

त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार थे.

धुंधुमार के पुत्र युवनाश्व थे.

युवनाश्व के पुत्र मांधाता थे.

मांधाता के पुत्र सुसंधि थे.

सुसंधि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसंधि एवं प्रसेनजित.

ध्रुवसंधि के पुत्र भरत थे .

भरत के पुत्र असित थे.

असित के पुत्र सगर थे.

सगर के पुत्र असमञ्ज थे.

असमंज के पुत्र अंशुमान थे.

अंशुमान के पुत्र दिलीप थे.

दिलीप के पुत्र भगीरथ थे.

भगीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे.

ककुत्स्थ के पुत्र रघु थे .

रघु के पुत्र प्रवृद्ध थे.

प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे.

अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्रतिमाशंखण के पुत्र सुदर्शन थे.

सुदर्शन के पुत्र अग्निवर्ण थे.

अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग थे.

शीघ्रग के पुत्र मरु थे.

मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे.

प्रशुक के पुत्र अंबरीश थे.

अंबरीश के पुत्र नहुष थे.

नहुष के पुत्र ययाति थे.

ययाति के पुत्र नाभाग थे.

नाभाग के पुत्र अज थे.

अज के पुत्र राजा दशरथ थे.

राजा दशरथ के चार पुत्र हुए- श्रीरामचंद्र, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न.

भगवान श्रीरामचंद्र के दो पुत्र लव और कुश हुए.

(भगवान राम के पूर्वजों से संबंधित सभी जानकारी ‘मेरे राम सबके राम’ किताब से ली गई है. इसके लेखक हैं फजले गुफरान. किताब में लिखी गई जानकारी को ज्यों का त्यों इस खबर में पेश किया गया है.)