राम जन्मोत्सव के अवसर पर रामनगरी में भक्ति के साथ-साथ उत्साह का माहौल दिखा. इस दौरान पर्यटन विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें अवधी गीत, बधाई गायन का आयोजन किया गया. वहीं शाम ढलते ही चौधरी चरण सिंह घाट स्थित राम की पैड़ी फेज तीन पर ढाई लाख दीप जलाकर दीपोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने दीप जलाकर उत्सव की शुरुआत की.
इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या के पूज्य संत, महंत और अयोध्यावासी सभी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. श्रीरामलला के जन्मोत्सव पर सूर्य की किरणों से उनका राज तिलक किया गया. उन्होंने कहा कि आज के दिन पूरी देश दुनिया की निगाहें अयोध्या को देख रहीं थीं. अब अपना पौराणिक साहित्यिक और त्रेता युग की कल्पना को साकार करने का कार्य पूरा हो रहा है.
उन्होंने कहा कि पर्यटन प्रदेश का प्रमुख उद्योग बन चुका है. काशी, मथुरा, प्रयाग, विंध्यवासिनी, नैमिषारण्य हर तरफ उत्साह है, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. आज सभी स्थानों पर प्रभु राम का उत्सव मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज लाल चौक पर प्रभु श्रीराम की शोभा यात्रा निकालकर राम उत्सव मनाया जा रहा है. यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है.
अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राम जन्मोत्सव के पावन अवसर पर अयोध्या नगरी भक्ति, उत्साह और सुरक्षा के अभेद्य कवच में नजर आई. इस बार रामनवमी का पर्व ऐतिहासिक और भव्य तरीके से मनाया गया, जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ-साथ प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी संसाधनों का उपयोग देखने को मिला. अयोध्या को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके और श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन का अवसर मिले. शहर के सभी प्रमुख प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग की गई, जबकि सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी गई. भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए एक दिन पहले से ही लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि रामनवमी का पूरा आयोजन सकुशल संपन्न हुआ. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के सहयोग से यह पर्व शांति और उत्साह के साथ मनाया गया. प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किया गया कि किसी को कोई असुविधा न हो. उन्होंने जनपदवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए मेले के दौरान सहयोग बनाए रखने के लिए धन्यवाद भी दिया. इस बार का राम जन्मोत्सव अयोध्या के लिए कई मायनों में खास रहा. एक ओर जहां भक्ति और उत्सव का माहौल था, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजामों ने इसे और भी यादगार बना दिया. देर रात तक चले इस आयोजन में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने इसे अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया. अयोध्या ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक भी है. उन्होंने बताया कि लगभग रामनगरी में 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं.
चित्रकूट में जलाये गये 22 लाख दीये : चैत्र नवरात्रि का समापन रामनवमी के पावन पर्व के साथ होता है और यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में श्रद्धा भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है. रामनवमी के पर्व में एक तरफ देशभर में धार्मिक अनुष्ठानों, भजन-कीर्तन और शोभा यात्राओं के रूप में मनाया गया है. वहीं प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में इस पर्व का अद्भुत और अलौकिक नजारा देखने को मिला है. मंदाकिनी के पवित्र तट के रामघाट से लेकर पूरे चित्रकूट धाम परिक्षेत्र में 22 लाख दीपों की रोशनी ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया.
महंत जीव जीवनदास महाराज ने बताया कि वास्तव में भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र में चित्रकूट का एक अलग ही महत्व है. यहां के ऋषि-मुनियों से सीखी विद्या के बाद ही उन्होंने रावण की लंका पर विजय प्राप्त की थी. उन्होंने आगे बताया कि वनवास काल के समय भगवान श्री राम को चित्रकूट में ही आश्रय मिला था, इसलिए सभी तीर्थ से ज्यादा महत्व चित्रकूट का है. उन्होंने बताया कि चित्रकूट में भव्य दिव्य और नव्य तरह से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है. मंदाकिनी नदी के तट के दोनों ओर लगभग 22 लाख दीपक जलाए जा रहे हैं
जिलाधिकारी चित्रकूट शिवशरण अप्पा जी एन ने बताया कि चित्रकूट जिला प्रशासन की ओर से लाखों दीप चित्रकूट के रामघाट में जलाये जा रहे हैं. लोगों में हर्ष और खुशी का माहौल है. चित्रकूट के रामघाट में इस दृश्य को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु रामघाट में उपस्थित हैं.