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‘सभी धर्म एक हैं तो धर्म परिवर्तन की क्या जरूरत’, RSS चीफ मोहन भागवत का बड़ा बयान

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 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने धर्मांतरण के मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सभी धर्म एक है तो धर्म परिवर्तन करने की क्या जरूरत है? मोहन भागवत ने शनिवार (12 अप्रैल) को गुजरात के वलसाड जिले का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने धरमपुर के बरुमाल धाम में श्री भावभावेश्वर महादेव मंदिर के रजतोत्सव कार्यक्रम में भी भाग लिया.

सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा, ‘सभी धर्म एक है तो धर्म परिवर्तन करने की क्या जरूरत है? धर्मांतरण करने के पीछे का उद्देश्य समूह की शक्ति बढ़ाकर सत्ता पाने के लिए होता है. अपना प्रभाव बढ़ाना, अपनी शक्ति बढ़ाना, अपना विस्तार करने का मतलब धर्मांतरण की भावना पैदा करना होता है. ‘

मेरा विश्वास मेरे ईश्वर में है- RSS प्रमुख

उन्होंने आगे कहा, ‘मेरा विश्वास मेरे ईश्वर में है, आप अपने ईश्वर में विश्वास रखें, वह आप में है, लेकिन ये दोनों अलग नहीं हैं, एक ही हैं. इसलिए मतांतरण की कोई आवश्यकता नहीं है.’ एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “ईसाई या मुसलमान बनने का क्या मतलब है? अगर आप हिंदू हैं तो आपको हिंदू ही रहना चाहिए.”

हम किसी से लड़ना नहीं चाहते- भागवत

RSS प्रमुख ने कहा, ‘लोगों को किसी भी लालच या डर के प्रभाव में आकर अपना धर्म को किसी भी हालत में नहीं बदलना चाहिए. जिंदगी में लालच या प्रलोभन लोगों को उनके धर्म से दूर कर सकती है, लेकिन धर्म ही सभी को खुशी की ओर लेकर जा सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘हम एकजुट होना जानते हैं और एकजुट होना भी चाहते हैं, हम किसी से लड़ना नहीं चाहते, लेकिन आज कई ऐसी ताकतें मौजूद हैं जो यह चाहते हैं कि हम अपने आपको बदल दें तो ऐसी ताकतों से हमें खुद को बचाना होगा.’

सरसंघचालक ने श्री भावभावेश्वर महादेव की पूजा की

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंदिर के रजतोत्सव कार्यक्रम के दौरान गृह हवन और अन्य धार्मिक क्रायक्रमों में भी भाग लिया और इस दौरान श्री भाव भावेश्वर महादेव की पूजा भी की.