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तुर्की से फंडिंग-जितना नुकसान-उतना पैसा. मुर्शिदाबाद हिंसा की खुली पोल, टारगेट पर हिंदू और सरकारी संपत्ति

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क्फ बिल को लेकर पश्चिम बंगाल में लगातार हिंसा देखने को मिल रही है. भले ही यहां केंद्रीय सुरक्षा बल को तैनात किया गया हो, इसके बाद भी सोमवार ( 14 अप्रैल) की शाम कई जगहों पर हिंसा देखने को मिली.

आलम यह है कि कई हिंदू परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ गया है. बीजेपी भी इस मामले को उठा रही है. इसके उलट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सब कुछ ठीक होने की बात कहती नजर आ रही हैं. इन सब घटनाओं के बीच जांच एजेंसियों के खुलासे ने सबकी पोल खोल कर कर रख दी है.

जांच एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया कि इस हिंसा के जरिए केवल हिंदू परिवारों को ही निशाना बनाने का प्लान था, हमलों के कारण कुछ परिवार अपना घर भी छोड़ चुके हैं.

जांच एजेंसियों ने खोल दी पूरी हिंसा की पोल

  1. मुर्शिदाबाद हमलों को लेकर जांच एजेंसी ने पाया कि ये हमले पूरी तरह से प्लानिंग के तहत किए गए हैं.
  2. मुर्शिदाबाद में पहले ये हिंसा रामनवमी के मौके पर भड़काने का प्लान था, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के कारण उसे अंजाम नहीं दिया गया.
  3. रामनवमी पर हिंसा न फैला पाने के कारण वक्फ विधेयक का सहारा लिया गया. इसके जरिए पूरे इलाके में उत्पाद मचाया गया.
  4. वक्फ विधेयक के बहाने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, हिंदुओं पर हमले करना, उनकी संपत्ति को लूटना, ज्यादा से ज्यादा हिंसा को फैलाना टारगेट था.
  5. इस हिंसा के लिए बाकायदा 2 महीनों पहले से ही ट्रेनिंग दी गई थी, कि कैसे आप पुलिस से बचकर अपना काम कर सकते हैं. उनकी मदद स्थानीय मदरसे करेंगे इस बात की भी जानकारी सामने आई है.
  6. जांच एजेंसियों ने पाया कि हमला करने और हिंसा में नुकसान फैलाने के लिए बाकायदा इनाम तय था, जो जितना ज्यादा नुकसान करेगा उसे उतना ही ज्यादा इनाम दिया जाएगा. सामान्य पत्थरबाजी या हमले के लिए सभी को 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता था.
  7. इस पूरी हिंसा को अंजाम देने के लिए तुर्की से फंडिंग की जा रही थी, जांच एजेंसियों को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं. कि तुर्की से इस पूरी हिंसा को ऑपरेट किया जा रहा था.
  8. मुर्शिदाबाद हिंसा के जरिए पूरे बंगाल में हिंसा फैलाने का प्लान तुर्की में बनाया गया था, इसके जरिए बंगाल के हालात भी ठीक बांग्लादेश की तरह करने की कोशिश थी.
  9. हिंसा को लेकर बाकायदा एक लिस्ट तैयार की गई थी कि कौन कहां नुकसान करेगा और लूटपाट मचाएगा. इसके साथ ही इनाम देने को लेकर भी लिस्ट मेंटेन की गई थी.
  10. हिंसा के दौरान इस बात का खास ध्यान देने का अलर्ट किया गया कि रेल और नॉर्मल ट्रांसपोर्ट न चल पाए. मौका मिलने पर हिंदुओं की हत्या करना भी टारगेट था.
  11. मुर्शिदाबाद और मालदा के मार्गो के बागों में पत्थरबाजी और इंसानों पर हमले की शुरुआती ट्रेनिंग दी गई थी. केले के पेड़ का इस्तेमाल इंसानों को फंसाने के लिए किया गया और इन केले के पेड़ों का इस्तेमाल करके दिखाया गया कि इंसानों पर कैसे हमला किया जाना है.
  12. हमलावरों को चुनने के दौरान खास तौर पर युवाओं को चुना गया ताकि वे घटनास्थल से भाग सकें. उन्हें उनकी फिटनेस और आक्रामकता के आधार पर चुना गया.
  13. बंगाल में हिंसा के दौरान बांग्लादेश से भारत में 71-150 कॉल किए गए. इस दौरान बंगाल में हो रही हिंसा की पूरी जानकारी ली गई.
  14. इस पूरी हिंसा के दौरान कुछ एनजीओ पुलिस की नजर में आए हैं, क्योंकि उनकी गतिविधियां और लेन-देन संदिग्ध थे.
  15. मुंबई हमले की तरह ही सभी हमलों की निगरानी टीवी पर लाइव कवरेज के जरिए से की गई. अंसुरल बांग्ला टीम पश्चिम बंगाल और बिहार में कट्टरपंथी अल्पसंख्यक समूहों के संपर्क में थी.