कोटा मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मरीज की जगह दूसरे मरीज के अटेंडेंट पिता को ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर सर्जरी शुरू कर दी गई।
लेकिन, समय रहते गलती का पता चलने पर सर्जरी पूरी नहीं हो पाई। घटना 12 अप्रैल की है, लेकिन मामला बुधवार को तब सामने आया जब एक समाजसेवी ने अस्पताल अधीक्षक से शिकायत की।
कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में जगदीश नाम के मरीज की डायलिसिस फिस्टुला की सर्जरी होनी थी। मरीज जगदीश ओटी के बाहर मौजूद था। ओटी स्टाफ ने जब जगदीश नाम पुकारा तो दूसरे मरीज के पिता जगदीश ने हाथ ऊपर उठा दिया। वह पिछले 10 साल से लकवाग्रस्त है और ठीक से बोल भी नहीं पाता। बिना उसकी पहचान किए स्टाफ उसे ऑपरेशन थियेटर में ले गया और बेहोश कर उसके हाथ में चीरा लगा दिया। जब दूसरे डॉक्टरों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने उसके हाथ में टांके लगाए और उसे उसके बेटे के वार्ड में बैठा दिया।
जांच के लिए कमेटी गठित
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया, बुधवार को घटना की जानकारी मिलने के बाद तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। उधर, वैस्कुलर सर्जन डॉ. राजेंद्र महावर ने गलत ऑपरेशन की बात को अफवाह बताया है।
डॉक्टरों ने दबाया, शिकायत होने पर मामला सामने आया
अस्पताल में मरीज के परिजनों के साथ इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद डॉक्टरों ने मामले को दबा दिया। घटना 12 अप्रैल की है और कॉलेज प्रशासन को इसकी जानकारी 16 अप्रैल को हुई। वह भी तब जब कुंजबिहारी सिंघल ने अस्पताल प्रशासन को ज्ञापन देकर शिकायत की।
हमें भी आज पता चला
हमें घटना की जानकारी बुधवार को ही मिली। कुंजबिहारी सिंघल ने अस्पताल अधीक्षक को शिकायत दी। इसके बाद तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। जांच के बाद ही कारणों का पता चलेगा।
और कह रहे हैं, गलत ऑपरेशन जैसी कोई बात नहीं
ओटी के बाहर मरीज के परिजन को चोट लग गई। उसके टांके लगाए गए हैं। गलत ऑपरेशन जैसी कोई बात नहीं है। यह अफवाह फैलाई गई है।