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अमरनाथ यात्रा 2025: रजिस्‍ट्रेशन से लेकर बाबा बर्फानी के दर्शन तक; यहां पढ़ें अपने सभी सवालों के जवाब

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नई दिल्ली/जम्मू  : हर साल जम्‍मू-कश्‍मीर में होने वाली पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए 15 अप्रैल से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त यानी रक्षाबंधन को समाप्त हो जाएगी। यात्रा कुल 38 दिन चलेगी। अमरनाथ यात्रा की तारीखों का एलान 5 मार्च को किया गया था।अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) करता है। बोर्ड ने पंजीकरण के लिए देशभर में 533 बैंक शाखाओं का अधिकृत किया है। इसके साथ ही श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी दी है। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी श्रद्धालु को यात्रा नहीं करने दी जाएगी।

हर साल देश भर से लाखों श्रद्धालु अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। पिछले साल 5.12 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। यह संख्या पिछले 12 साल में सबसे अधिक थी। इस बार यह रिकॉर्ड टूटने की संभावना है।

हालांकि, पिछले साल अमरनाथ यात्रा 52 दिन चली थी। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान कोई विशेष दिन या तिथि है तो ऐसी स्थिति में रजिस्ट्रेशन 8 दिन पहले बंद हो जाएंगे। तिथि गुजरने के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन होंगे।

अगर आप भी अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाने का मन बना रहे हैं तो यात्रा से जुड़ी सभी जानकारी जो आपके लिए जानना जरूरी है, यहां पढ़ें…

अमरनाथ यात्रा कितनी कठिन है?

यह पवित्र गुफा समुद्र तल से करीब 13 हजार फीट ऊपर है। अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं-  अनंतनाग जिले के पहलगाम से और दक्षिण कश्मीर के गांदरबल जिले के बालटाल से शुरू होता है।

1. पहलगाम से अमरनाथ गुफा

पहलगाम से अमरनाथ गुफा तक का पारंपरिक पैदल मार्ग करीब 48 किलोमीटर लंबा है। इस रास्ते से जाने पर चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, शेषनाग और पंचतरणी जैसे पड़ाव आते हैं, यहां ठहरते हुए यात्री आगे बढ़ते हैं। इस रास्‍ते से यात्रा करने पर 3 से 5 दिन का समय लगता है।

2. बालटाल से अमरनाथ गुफायह रास्ता पहलगाम की तुलना में छोटा है, लेकिन मुश्किल रास्ता है। बालटाल से अमरनाथ गुफा तक का मार्ग 14 किलोमीटर की एकदम खड़ी चढ़ाई है और दूसरी ओर गहरी खाई है। बालटाल के रास्ते से यात्रा 1 से 2 दिन में पूरी हो जाती है। बालटाल कैंप से यात्रा शुरू करने पर डोमेल, बरारी, संगम आदि पड़ाव आते हैं।

अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) की आधिकारिक वेबसाइट  jksasb.nic.in पर ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन कर सकते हैं। यहां सभी डॉक्यूमेंट्स की डिजिटल कॉपी अपलोड करनी होती है। यात्रा का स्लॉट भी पहले से बुक कर सकते हैं।

  1. यात्रा परमिट रजिस्ट्रेशन (Yatra Permit Registration) पर क्लिक करें।
  1. रजिस्‍ट्रर पर क्लिक कर एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें यात्रा मार्ग, यात्रा की तारीख, यात्री की पूरी डिटेल और मेडिकल जानकारी भरें।
  1. पासपोर्ट साइज फोटो, आईडी और मेडिकल सर्टिफिकेट अपलोड करें।
  1. पेयमेंट करें।
  1. यात्रा परमिट डाउनलोड करें।

ऑफलाइन पंजीकरण कहां कर सकते हैं?अमरनाथ यात्रा के लिए देशभर में 533 बैंक शाखाएं तय की गई हैं। इनमें  पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की 309, स्‍टैट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की 99, जम्मू-कश्‍मीर बैक (JK Bank) की 91 और यस बैंक की  34 ब्रांच हैं, यहां केवाईसी और हेल्थ सर्टिफिकेट देना होगा।

रजिस्ट्रेशन के लिए कौन-से डॉक्यूमेंट्स लगेंगे?

  1. पासपोर्ट साइज का फोटो।
  2. आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक।
  3.  अपने राज्य के अधिकृत डॉक्टर द्वारा सत्यापित हेल्थ सर्टिफिकेट।

क्‍या यात्रा शुल्क भी लगेगी, अगर हां तो कितनी?हां, यात्रा शुल्क भी लगती है। श्राइन बोर्ड के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए प्रति व्यक्ति 220 रुपये रुपये यात्रा शुल्क लगेगा। बता दें कि श्राइन बोर्ड ने इस बार यात्रा शुल्क 50 रुपये बढ़ा दिया है। पिछले साल यात्रा शुल्क 150 प्रति व्यक्ति था।

क्‍या अमरनाथ गुफा तक हेलीकॉप्टर से जा सकते हैं?जी हां। बालटाल से एक किलोमीटर पहले नीलग्रथ और पहलगाम दोनों रास्तों पर हेलीपैड है। बालटाल या पहलगाम किसी भी जगह से हेलीकॉप्टर सेवा ली जा सकती है। यह आपको गुफा से 6 किलोमीटर पहले पंचतरणी तक हेलीकॉप्टर सेवा है।  हेलीकॉप्टर की बुकिंग jksasb.nic.in से हो सकेगी।

अमरनाथ यात्रा कौन नहीं कर सकता है?

श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, 13 साल से कम उम्र के बच्चे, 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और छह सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाएं यात्रा नहीं कर सकेंगी।

यात्रा के लिए शारीरिक रूप से तैयारी कैसे करें?

अमरनाथ यात्रा पर जाने से 2 से 3 हफ्ते पहले हर रोज कम से कम 6 किलोमीटर पैदल चलें। गहरी सांस लेने वाली एक्‍सरसाइज करें। अगर आपको फेफड़े, हाई ब्लड प्रेशर या फिर दिल की बीमारी है तो डॉक्टर से परामर्श करें, उसके बाद ही यात्रा पर जाएं।

अमरनाथ कैसे पहुंचे?

अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले हवाई, बस या रेल मार्ग से जम्मू-कश्‍मीर पहुंच सकते हैं। वहां से कैब लेकर बालटाल कैंप अथवा पहलगाम कैंप पहुंच जाए और यहां से सुबह-सुबह यात्रा शुरू कर सकते हैं।

देश के प्रमुख शहरों से हवाई, बस और रेल मार्गों से कैसे पहुंच सकते हैं, यहां पढ़ें-

हवाई मार्ग

अमरनाथ पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (SXR) है। दिल्‍ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अमृतसर, कोलकाता, चंडीगढ़ और लखनऊ से श्रीनगर के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।

इसके अलावा, कुछ शहरों  कनेक्टिंग उड़ानें (एक या अधिक स्टॉप के साथ) भी श्रीनगर के लिए जाती हैं। श्रीनगर एयरपोर्ट से अमरनाथ बेस कैंप (पहलगाम या बालटाल)  तक पहुंचने लिए सड़क मार्ग का उपयोग करें। यहां से पैदल मार्ग से पवित्र गुफा तक पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्गदेश के कई प्रमुख शहरों से जम्मू के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध है। खासकर उत्तरी भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना आदि से आपको आसानी से जम्मू के लिए सरकारी और निजी बसें मिल जाएंगी। जम्मू से पहलगाम या बालटाल के सिटी बस या टैक्सी ले सकते हैं।

रेल मार्ग

अमरनाथ यात्रियों के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन  जम्मू तवी (Jammu Tawi – JAT) है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु  समेत देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जम्मू तवी के लिए सीधी ट्रेनें चलती हैं। इसके बाद सड़क मार्ग का उपयोग कर बेस कैंप तक पहुंच सकते हैं।

ये सावधानियां हैं जरूरी

  1. अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले नियमित व्यायाम और श्वास संबंधी व्यायाम करें।
  2. ऊंचाई पर पहुंचने के साथ ही ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है। ऐसे में धीरे-धीरे चढ़ें, खूब पानी पिएं।
  3. अगर चक्कर आएं, सिरदर्द या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
  4. अमरनाथ क्षेत्र में मौसम बदलता रहता है। इसलिए गर्म कपड़े, रेनकोट, विंडचीटर और वॉटरप्रूफ व ट्रैकिंग वाले जूते साथ रखें।
  5. अमरनाथ में चढ़ाई करते वक्त एक छोटा और हल्का बैकपैक रखें, जिसमें गर्म कपड़े, प्राथमिक चिकित्सा किट, पानी की बोतल, सूखे मेवे और टॉर्च जैसी जरूरी चीजें रखें।
  6. अमरनाथ यात्रा के दौरान अधिकारियों द्वारा जारी किए गए सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। अकेले यात्रा करने से बचें और समूहों में रहें।
  7. यात्रा मार्ग पर कचरा न फैलाएं। पर्यावरण को स्वच्छ रखें। प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित है, इसलिए प्लास्टिक की बोतल समेत जो भी सामान लेकर जाएं तो वापस लाएं या फिर डस्टबिन में ही डालें। 
  8. जम्‍मू-कश्‍मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान कई जगह रूट डायवर्जन होता है तो कुछ रूट पर जाने-आने का समय निर्धारित है। उसको ध्‍यान में रखते हुए यात्रा का समय निर्धारित करें।