मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश के जबलपुर में जमीन फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. ओमती थाना पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो मृत लोगों की जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने नाम कर बेच दिया करता था.
इस घोटाले में कांग्रेस के पूर्व पार्षद और युवा कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष जतिन राज का नाम भी सामने आया है, जो इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड है और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के करीबी माने जाते हैं. आरोपी शुभम ठाकुर को जेडीए अधिकारियों ने शक के आधार पर पकड़ा, जिसने पूछताछ में जतिन राज, मनोज नामदेव और छोटू ठाकुर के नाम बताए. पुलिस ने चारों को नामजद किया है और मामले की जांच जारी है. इस मामले से राजनीतिक गलियारों में भूचाल आया हुआ है.
दरसअल, यह मामला विजय नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत विजय नगर इलाके से जुड़ा है, जिसमें लंबे समय से लावारिस या मृतकों की जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने नाम कर बेचने वाला गिरोह सक्रिय था. पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी शुभम ठाकुर को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में शुभम ने चौंकाने वाले खुलासे किए और जिन नामों का उसने जिक्र किया, उनमें कांग्रेस नेता जतिन राज, मनोज नामदेव और छोटू ठाकुर शामिल हैं.
गिरोह के चार लोग अरेस्ट
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह खासतौर पर उन संपत्तियों को टारगेट करता था जिनके मालिक अब इस दुनिया में नहीं हैं या जिनकी जमीन लंबे समय से लावारिस पड़ी है. गिरोह के सदस्य पहले इन संपत्तियों की जानकारी जुटाते, फिर उनके नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को बाजार में ऊंची कीमतों पर बेच देते.
ताजा मामला केपी लटोरिया और उनकी पत्नी की संपत्ति से जुड़ा है. दोनों की मृत्यु हो चुकी थी और वे निःसंतान थे. गिरोह ने इन्हीं के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और शुभम ठाकुर इन दस्तावेजों के साथ जमीन का नामांतरण करवाने जेडीए पहुंचा. जेडीए के सीईओ दीपक वैद्य को दस्तावेजों पर शक हुआ और उन्होंने तत्काल शुभम को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया.
ओमती थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. शुभम की गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हुआ कि जतिन राज इस पूरे फर्जीवाड़े का मुख्य संचालक है. बताया जा रहा है कि जतिन राज पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया का करीबी है, जिससे राजनीतिक हलकों में यह मामला और गरमा गया है.
एडिशनल एसपी ने दिए जांच के आदेश
वहीं पूरे मामले में एडिशनल एसपी सूर्यकान्त शर्मा ने कहा कि हमने आरोपी शुभम ठाकुर को पकड़ा और पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम सामने आए. जतिन राज इस नेटवर्क में प्रमुख भूमिका निभा रहा था. दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि यह फर्जीवाड़ा काफी समय से चल रहा था और इसमें कई जमीनों का हेरफेर किया गया है. जतिन राज समेत चार लोगों को इस मामले में नामजद आरोपी बनाया गया है जतिन राज, शुभम ठाकुर, मनोज नामदेव और छोटू ठाकुर. पुलिस का कहना है कि यह गिरोह वर्षों से सक्रिय था और अब तक कई जमीनें इसी तरह बेची जा चुकी हैं इसकी भी जांच की जा रही हैं.