सुबह 8:27 मिनट तक भद्रावास योग रहेगा, जिसमें भोलेनाथ की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी। मासिक शिवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:53 मिनट से लेकर दोपहर 12:45 मिनट तक रहेगा। इन मुहूर्तों में पूजा करने से विशेष फल मिलता है।
शिव पंचाक्षरी का जाप करेंपूजा के समय शिव चालीसा का पाठ और शिव मंत्रों का जप करें। अंत में शिव आरती कर सुख और समृद्धि की कामना करें। पूजन करते समय यदि कोई मंत्र नहीं आता हो, तो शिव पंचाक्षर यानी नमः शिवाय का जाप करें।
यदि आप इस मंत्र को पूरा बोल सकें, तो इसका जाप करें…
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै नकाराय नमः शिवाय।।
मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नमः शिवाय।।
शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदा, सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शिकाराय नमः शिवाय।।
वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चिता शेखराय।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नमः शिवाय।।
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै यकाराय नमः शिवाय।।
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ, शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते।
मासिक शिवरात्रि पर लगाएं इन चीजों का भोग
भोग के बिना पूजा अधूरी रहती है। भगवान भोलेनाथ को भोग के रूप में दही, दूध, सफेद बर्फी, भांग, पंचामृत, शहद, खीर, मालपुआ, फल, ठंडाई और लस्सी आदि चढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा उन्हें बेलपत्र और धतूरा चढ़ाना न भूलें।