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प्रदोष व्रत में जरूर करें नटराट स्तुति का पाठ, पूरी होगी मनचाही इच्छा

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हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है, जो शिव जी की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम तिथि मानी गई है। यह तिथि भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए काफी शुभ मानी गई है। इस दिन पर शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करना शुभ होता है। ऐसे में शुक्र प्रदोष व्रत के दिन पूजा का मुहूर्त शाम 7 बजकर 1 मिनट से रात 9 बजकर 8 मिनट तक रहने वाला है।
आप ज्येष्ठ माह में आने वाले शुक्र प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा के दौरान नटराज स्तुति का पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और हर मनोकामना भी पूरी होती है। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं नटराज स्तुति।

नटराज स्तुति (Nataraja Stuti lyrics)

सत सृष्टि तांडव रचयिता
नटराज राज नमो नमः ।हे आद्य गुरु शंकर पिता

नटराज राज नमो नमः ॥

गंभीर नाद मृदंगना

धबके उरे ब्रह्माडना ।

नित होत नाद प्रचंडना

नटराज राज नमो नमः ॥

शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा

चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां ।

विषनाग माला कंठ मां

नटराज राज नमो नमः ॥

तवशक्ति वामांगे स्थिता

हे चंद्रिका अपराजिता ।

चहु वेद गाए संहिता

नटराज राज नमोः ॥

ध्यान रखें ये बातें
अगर आप प्रदोष व्रत कर रहे हैं, तो इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि इस दिन पर नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। आप इस वर्त में फलों और जल का सेवन कर सकते हैं। इसी के साथ पूजा के दौरान किसी तरह के नकारात्मक विचार अपने मन में न लाएं। इस दिन पर काले रंग के कपड़े पहनने से भी बचें। अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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शिव जी के अन्य मंत्र
ॐ गौरीशंकरार्धनाथ्री नमः
ॐ नमः शिवाय गुरुदेवाय नमः
ॐ शिवलिंगाय नमः
ॐ हौं जूं सः ।।
श्री महेश्वराय नम:।।
श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
श्री रुद्राय नम:।।
ॐ नमो नीलकण्ठाय नम:।।

शीघ्र विवाह के लिए मंत्र –ओम कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।

नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:॥