रायपुर: छत्तीसगढ़ में 13 मई को अंबिकापुर में केंद्रीय ग्रामीण एवं विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 लाख से ज्यादा प्रधानमंत्री आवास की सौगात देने जा रहे हैं।
लेकिन इससे पहले की पीएम आवास के आंकड़ों पर छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं विकास मंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस नेताओं को खुली चर्चा की चुनौती दी। जिसे कांग्रेस केवल राजनीति बता रही है।
पिछले कुछ सालों से छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने होती रही है। एक बार फिर से दोनों पार्टी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है। इस बीच पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास के आंकड़ों को लेकर कांग्रेस को खुली चर्चा की चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि मैं पूर्व CM भूपेश बघेल और कांग्रेस नेताओं से चर्चा के लिए तैयार हूं। मेरे सामने कांग्रेस के नेता बैठ जाएं या जहां बोलेंगे वहां मैं आ जाऊंगा। बता देंगे कि आखिर प्रधानमंत्री आवास के 18 लाख के वादे को हम कैसे पूरा किए हैं।
पीएम आवास की मांग को लेकर मेरी पीठ पर डंडे पड़े: विजय शर्मा
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास देने का वादा किया था। जिसके बाद डेढ़ साल की हो रही भाजपा सरकार इन वादों को पूरा कर दी है। लगातार एक के बाद एक केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास को लेकर सौगात मिल रही है। गृह मंत्री विजय शर्मा का यह भी कहना है कि पीएम आवास की मांग को लेकर मेरी पीठ पर डंडे पड़े थे। कांग्रेस सरकार ने पीएम आवास पर जनता को केवल धोखा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रस्ताव कितने का बनाया था और मिला कितना यह भी देखना चाहिए। कह देने और लिख देने से कुछ नहीं होता।
कांग्रेस सरकार 10 लाख PM आवास की स्वीकृति दी : दीपक बैज
गृह मंत्री विजय शर्मा के चर्चा की चुनौतियां पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है PM आवास पर गृह मंत्री केवल राजनीति कर रहे हैं। इस मुद्दे पर BJP झूठ बोलती रही है। उन्होंने कहा आचार संहिता से पहले कांग्रेस सरकार 10 लाख PM आवास की स्वीकृति दी थी। आज विजय शर्मा बताएं कि क्या 18 लाख में 10 लाख यही प्रधानमंत्री आवास है?
छत्तीसगढ़ में पीएम आवास के मुद्दे पर सियासत नई नहीं है। इस मुद्दे पर प्रदेश में सड़क से लेकर सदन तक जमकर राजनीति देखने मिली। ऐसे में अब देखना होगा उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की चुनौती कांग्रेस के नेता स्वीकार करते हैं या नहीं। अगर स्वीकार करते हैं तो सियासी तौर पर पीएम आवास के मुद्दे पर किसकी जीत होती है।