Home छत्तीसगढ़ खरसिया के बरगढ़ खोला में प्री-मेंटेनेंस के दावे हुए फेल, 28 गांवों...

खरसिया के बरगढ़ खोला में प्री-मेंटेनेंस के दावे हुए फेल, 28 गांवों में 18 घंटे से ब्लैकआउट – ग्रामीण बेहाल

1
0

खरसिया  : बरगढ़ खोला क्षेत्र के ग्रामीण इन दिनों बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। बर्रा फीडर से जुड़े 28 गांवों में मंगलवार शाम 5 बजे से बिजली गुल है। तेज हवा और मौसम की मामूली खराबी के बाद बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई, और अब तक बहाल नहीं हो सकी है। इस 18 घंटे के लंबे ब्लैकआउट ने विभाग के ‘प्री-मेंटेनेंस’ के दावों की सच्चाई उजागर कर दी है। रातभर अंधेरे में तड़पते रहे ग्रामीण अब बेहद आक्रोशित हैं। बिजली न होने से न सिर्फ पीने के पानी की व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि छोटे दुकानदारों का व्यवसाय और सामान्य जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। हैरानी की बात यह है कि जब ग्रामीण विभाग से संपर्क करते हैं, तो जवाब मिलता है – “ब्रेकडाउन हो गया है, कब ठीक होगा, नहीं कह सकते।” ग्रामीणों का कहना है कि बरगढ़ खोला क्षेत्र में यह कोई नई बात नहीं है। साल भर ऐसी स्थितियां बनी रहती हैं। विभाग की कार्यशैली केवल दिखावे तक सीमित रह गई है। प्री-मेंटेनेंस के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है, और नतीजा यह होता है कि थोड़ी सी आंधी या बारिश में घंटों बिजली गुल हो जाती है।

जनाक्रोश की आहट
स्थानीय लोगों में अब विभाग के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। 28 गांवों के हजारों लोग प्रभावित हैं, और सभी एक सुर में यही सवाल कर रहे हैं – “हमारे गांवों की बिजली व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों है?” यदि यही हाल रहा, तो आने वाले दिनों में ग्रामीणों का आक्रोश सड़कों पर उतर सकता है।

यह स्थिति न सिर्फ तकनीकी खामियों की ओर इशारा करती है, बल्कि विभागीय गैरजिम्मेदारी और जवाबदेही की भी पोल खोलती है। अब सवाल यह है कि इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या सिर्फ ब्रेकडाउन कह देना पर्याप्त है? क्या ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ऐसा ही होता रहेगा?

जरूरत है जवाबदेही की
प्री-मेंटेनेंस का मतलब है कि आपात स्थितियों में न्यूनतम बाधा हो, लेकिन यहां तो व्यवस्था ही चरमरा गई है। जब तक सिस्टम में जवाबदेही नहीं लाई जाएगी और जमीनी स्तर पर काम नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसे हालात सुधरने की उम्मीद बेमानी है।

ग्रामीणों की आवाज कौन सुनेगा?
बरगढ़ खोला के लोग जो आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहें हैं अब उनको सिर्फ बिजली ही नहीं, बल्कि इस समस्या का जवाब और समाधान भी चाहिए। उनका कहना है बिजली विभाग की यह मनमानी कब तक चलेगी?