इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में श्रेयस अय्यर की कप्तानी वाली पंजाब किंग्स ने श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांच बार की खिताबी विजेता मुंबई इंडियंस को 5 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। वहीं, मुंबई इंडियंस के इस सीजन छठा खिताब जितने का सपना सिर्फ एक सपना बनकर ही रह गया। एमआई की हार के बाद जहां एक तरफ कप्तान हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) की जमकर आलोचनाएं हो रही हैं तो बड़े मुकाबले में उनके खराब फैसलों की निंदा भी की जा रही है। चलिए आपको बताते हैं हार्दिक पंड्या के द्वारा अहम मुकाबले में उन पांच बड़ी गलतियों के बारे में, जिसकी वजह से उन्हें इस शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
पहला कारण ( मिचेल सेंटनर के दो ओवर)
मुंबई इंडियंस के अनुभवी हरफनमौला खिलाड़ी मिचेल सेंटरन ने दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में काफी शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने 4 ओवर के स्पेल में सिर्फ दो ओवर फेंके थे, जिसमें उन्होंने 7.50 की मामूली इकॉनमी से सिर्फ 15 रन दिए थे। मिचेल ने इस मैच में पारी का 7वां और 9वां ओवर डाला था, लेकिन इसके बाद कप्तान हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) ने उनसे एक भी ओवर गेंदबाजी नहीं करवाई थी। जबकि उनके कोटे के दो ओवर बचे हुए थे। खास बात यह है कि सेंटनर ने अपनी 12 गेंदों पर सिर्फ एक चौका दिया था, इसके बावजूद कप्तान हार्दिक (Hardik Pandya) ने उन्हें बाकी ओवर करवाने की गनीमत नहीं उठाई।
दूसरा कारण (नमन के तौर पर विकल्प मौजूद)
पंजाब किंग्स के बल्लेबाजों ने इस मैच में मुंबई इंडियंस को खूब रिमांड पर लिया। जहां तेज गेंदबाज लगातार रन खा रहे थे तो उस समय कप्तान हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) के पास नमनधीर के रूप में एक ऑफ ब्रेक गेंदबाजी का विकल्प मौजूद था, लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया। जबकि उस समय बाएं हाथ के बल्लेबाज नेहल वढेरा बल्लेबाजी कर रहे थे। अगर वह उस समय नमनधीर का उपयोग करते हैं शायद मैच का परिणाम एमआई के पक्ष में जा सकता था।
तीसरा कारण (अश्विनी कुमार का 19वां ओवर)
क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप यानी टी20 में 19वां ओवर काफी अहम और निर्णायक माना जाता है। जबकि कप्तान इस ओवर के लिए अपने सबसे बेहतरी और अनुभवी गेंदबाज को चुनता है, लेकिन इस मुकाबले में कप्तान हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) ने ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया।
दरअसल, एमआई के कप्तान ने पारी का 19वां ओवर डालने के लिए अश्विनी कुमार को चुना जो कि अमूमन मध्य ओवरों में गेंदबाजी करते हैं जबकि उनके पास इस ओवर को करवाने के लिए अनुभवी तेज गेंदबाज रीस टॉपले के रूप में एक विकल्प मौजूदा था जो कि इस परिस्थितियों का सामना पहले भी कई बार कर चुके हैं। मगर हार्दिक ने रीस टॉपले के जगह अश्विनी कुमार से ओवर करवाने का निर्णय लिया और मुंबई उसी ओवर में मुकाबला हार गई।
चौथा कारण (Hardik Pandya की कप्तानी)
मुंबई के छठे खिताब को जितने के ख्वाब को चकनाचूर करने में हार्दिक पंड्या की कप्तानी और पंजाब किंग्स के खिलाफ उनकी रणनीति भी एमआई की हार का सबसे बड़ा कारण बनी। दरअसल, जब पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर और नेहल वढेरा बल्लेबाजी कर रहे थे उस समय हार्दिक ने फील्ड प्लेसमेंट से लेकर गेंदबाजी में बदलाव तक कुछ भी ठीक नहीं किया।
दरअसल, अय्यर और नेहल को शॉर्ट गेंदों का सामना करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद कप्तान ने अपने गेंदबाजों को यह नहीं बताया कि उन्हें कहां गेंदबाजी करनी है। अय्यर और नेहल के सामने एमआई के तेज गेंदबाजों से अधिकांश गेंदबाजी फुल लेंथ या फिर हल्की शॉर्ट गेंदें रखी थीं, जिसको खेलने में अय्यर और वढेरा को बिल्कुल भी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा।
पांचवां कारण (मुश्किल वक्त में छोड़ा साथ)
हार्दिक पंड्या ने पांचवीं और सबसे बड़ी गलती गेंदबाजी के दौरान नहीं बल्कि बल्लेबाजी के समय की थी। जब वह बैटिंग के लिए मैदान पर उतरे उस समय
मुंबई इंडियंस काफी अच्छी स्थिति में थी। एमआई ने 14.1 ओवर में 142 रन बना लिए थे, जिसके बाद कप्तान हार्दिक से एक बड़ी और शानदार पारी की उम्मीद थी। मगर वह ऐसा करने में असफल रहे। हार्दिक ने दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में 13 गेंदों पर 15 रन की धीमी पारी खेली, जिसमें उन्होंने सिर्फ एक चौका लगाया था।
जब हार्दिक बैटिंग कर रहे थे उस समय उनके साथ नमनधीर क्रीज पर मौजूद थे और कप्तान की धीमी बल्लेबाजी का असर धीर पर भी पड़ता दिख रहा था। जबकि टीम को जब तेजी से रन बनाने की जरूरत थी उस समय कप्तान हार्दिक टीम का साथ छोड़कर पवेलियन लौट गए। अगर हार्दिक 13 गेंदों पर 30 से 35 रन की तेज पारी खेलने में सफल होते तो एमआई 20 ओवर में 225 से 230 रन का स्कोर खड़ा कर सकती थी जो कि इस पिच पर एक अच्छा टोटल होता।