जिले के किसान चंद्र कुमार की किस्मत बैगन की खेती से बदल गई है. पहले उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और खेती से खास मुनाफा नहीं होता था. लेकिन जब उन्होंने बैगन की खेती शुरू की, तो धीरे-धीरे उनकी जिंदगी संवर गई. आज चंद्र कुमार ने बैगन की खेती से मकान बनवाया है, बच्चों की पढ़ाई कराई है और कई अनोखे सपने पूरे किए हैं. उनका कहना है कि बैगन की खेती में लागत कम और मुनाफा अच्छा होता है. किसान चंद्र कुमार बहराइच जिले के ग्राम कौवा कोडरी के रहने वाले हैं, जिन्होंने बैगन की खेती से अपनी और अपने परिवार की जिंदगी संवार ली है.
अगर जैविक तरीके से खेती की जाए तो एक बीघे में लागत लगभग 2,000 से 3,000 रुपये आती है. जबकि मुनाफा 30,000 से 35,000 रुपये तक आराम से हो जाता है.
बैगन के लिए उपजाऊ बालू- दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसमें पानी की अच्छी निकासी हो. बैगन की खेती में कम लागत लगती है और बाजार में इसकी अच्छी मांग होने के कारण मुनाफा भी बढ़िया मिलता है.
बैगन की खेती में सिंचाई का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. पानी की उचित निकासी भी जरूरी होती है क्योंकि ज्यादा पानी बैगन के लिए हानिकारक होता है. बैगन की खेती सालभर की जा सकती है और यह नकदी फसल है, जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
बाजार में फुटकर कीमत ₹40 से लेकर ₹60-70 प्रति किलो तक होती है. वहीं मंडी भाव ₹25 से ₹40 तक पहुंचता है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ होता है.
चंद्र कुमार बैगन को मंडी या बाजार में बेचने नहीं जाते. वे अपने घर के पास बहराइच-नानपारा मार्ग रोड के किनारे ही बैगन लगाकर बेच देते हैं. इससे किराया या भाड़े का खर्च बच जाता है और बैगन सीधे बिक जाते हैं.